वज्रासन (Thunderbolt Pose)
बजासन का अर्थ है बलवान स्थिति। पाचनशक्ति, वीर्यशक्ति तथा स्नायुशक्ति देने वाला होने से यह आसन ‘बजासन’ कहलाता है। इसे अंग्रेजी में Thunderbolt Pose कहते हैं।
वज्रासन करने की विधि (How to do Vajrasana in Hind)
Step 1: आसन पर दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर एडियों पर बैठ जाये।
Step 2: पैर के दोनों अंगूठे परस्पर लगे रहे। पैर के तलवों के ऊपर नितम्ब रहे। कमर और पीठ बिल्कुल सीधी रहे।
Step 3: दोनों हाथ को कुहनियों से मोड़े बिना घुटनों पर रख दें। हथेलियों नीचे की ओर रहें। दृष्टि सामने स्थिर कर दें।
Step 4: अब श्वास को सामान्य रख इस स्थिति में यथासंभव 5 मिनट से लेकर आधे घंटे रहने का अभ्यास करें। मोटे व्यक्तियों को पैर मोड़ने में बड़ा कष्ट होता है, उन्हें धीरे-धीरे अभ्यास बढ़ाना चाहिए।
विशेष- बजासन लगाकर भूमि पर लेट जाने से सुप्त वज्रासन होता है। यह आसन, वज्रासन की ही पूर्ण स्थिति है। इस के अभ्यास से बुढ़ापा पास नहीं आता। यह आसन भी भोजन के तुरन्त बाद किया जा सकता है। और पढ़ें: मंडूक (Frog Pose)
वज्रासन के लाभ (Benefits of Vajrasana in Hindi)
भोजन के बाद इस आसन से बैठने से पाचन शक्ति तेज होती है। भोजन जल्दी हज्म होता है कब्ज और पेट की वायु का नाश होता है। रीढ़, कमर जाँघ घुटने और पैरों में शक्ति बढ़ती है। स्मरणशक्ति में वृद्धि होती है। स्त्रियों के मासिक धर्म की अनियमितता जैसे रोग दूर होते हैं। शुक्रदोष, वीर्यदोष, घुटनों का दर्द आदि का नाश होता है। और पढ़ें: पद्मासन (Lotus Pose)
स्फूर्ति बढ़ाने के लिए एवं मानसिक निराशा दूर करने के लिए यह आसन उपयोगी है। व्यक्ति गले के टॉन्सिल्स, बुखार, सिरदर्द, कब्ज, मदाग्नि या अजीर्ण जैसे छोटे-मोटे किसी भी रोग से पीड़ित नहीं रहता।तीव्र रक्त चाप को शान्त कर सामान्य बनाता है। साइटिका रोग में लाभकारी है। पैर व जाँघों के लिए लाभदायक है। और पढ़ें: सिद्धासन (Adept Pose)