Constipation: कब्ज के कारण, लक्षण और उपचार

Constipation in Hindi: कब्ज पाचन तंत्र की उस स्थिति को कहते हैं जिसमें व्यक्ति का मल कड़ा हो जाता है, उसकी आवृति घट जाती है या मल निष्कासन के समय अत्यधिक बल का प्रयोग करना पड़ता है।

Constipation
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कब्ज आज के समय का एक साधारण रोग है। जो पाचनशक्ति के कार्य में किसी बाधा उत्पन्न होने के कारण होता है। इस रोग के होने पर शारीरिक व्यवस्था बिगड़ जाती है जिसके कारण कई रोग उत्पन्न हो जाते हैं जैसे अफारा, पेट में दर्द, गैस बनना, सिर में दर्द, हाथ-पैरों में दर्द, अपच तथा बवासीर आदि। और पढ़े: कब्ज रोगियों के लिए डाइट प्लान

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कब्ज रोग का लक्षण | Symptoms of constipation in Hindi

Symptoms of constipation: कब्ज से पीड़ित रोगी के आतों में मल सड़ता रहता है जिसके कारण से रोगी में कई प्रकार के गम्भीर लक्षण दिखाई देने लगते हैं। कब्ज के कुछ प्रमुख लक्षण निम्न है-

  • कब्ज रोग को रोजाना मलत्याग नहीं होता है।
  • जीभ सफेद तथा मटमैली हो जाती है।
  • पीड़ित रोगी के पेट में गैस अधिक बनती है।
  • मुंह से भी बदबू आती रहती है।
  • सिर में भारीपन या सिर दर्द भी हो सकता है।
  • रोगी व्यक्ति की आंखों के नीचे कालापन हो जाता है।

कब्ज होने के कारण | what cause constipation in Hindi

what cause constipation: कब्ज व्यक्तियों में गलत खान-पान के कारण उत्पन्न होता है। भोजन में ऐसे पदार्थों का प्रयोग करना जिन्हें पाचनतंत्र आसानी से नहीं पचा पाता जिससे आंत से मल पूर्ण रूप से साफ नहीं हो पाता और अन्दर ही सड़ने लगता है। कब्ज होने के प्रमुख कारण निम्न है-

  • शारीरिक श्रम न करना, एक स्थान में पढ़े रहना।
  • कम पानी पीने के कारण भी कब्ज रोग हो सकता है।
  • समय पर भोजन ना करना, रात में देर से भोजन करना।
  • भोजन में फाइबर की कमी या अधिक भारी भोजन करना।
  • पाचन क्रिया का मन्द पड़ना, कम मात्रा में भोजन करना, भूख न लगना आदि।
  • समय पर भोजन न करना या तली हुई चीजों का अधिक सेवन।
  • धूम्रपान तथा दवाइयों का अधिक सेवन।
  • आलस्य के मारे मल त्याग करने न जाना।
  • मल वेग को रोकने से भी कब्ज रोग हो सकता है।
  • ठंडी चीजे जैसे-कोल्ड्रिंक,आइसक्रीम का अधिक सेवन करना।

कब्ज रोग का घरेलु उपचार | Home remedies for Constipation in Hindi

Constipation Home remedies: कब्ज रोग का उपचार करते समय पहले कब्ज रोग होने के कारणों को दूर करना चाहिए और फिर प्राकृतिक चिकित्सा से इसका उपचार कराना चाहिए।

  • कब्ज रोगियों को भोजन चबा-चबाकर खाना चाहिए।
  • चोकर सहित आटे की रोटी तथा हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें।
  • अंकुरित अन्न का अधिक सेवन करने से रोगी व्यक्ति को बहुत लाभ मिलता है।
  • कब्ज के रोगी को अधिक से अधिक फलों का सेवन करना चाहिए, जिनमें मुख्यतः पपीता, संतरा, खजूर, नारियल, अंगूर, सेब, खीरा, गाजर, चुकन्दर, बेल आदि।
  • नींबू पानी, नारियल पानी, फल तथा सब्जियों का रस पीने से कब्ज से पीड़ित रोगी को बहुत फायदा मिलता है।
  • रात को 20-25 किशमिश पानी में भिगोकर रख दें प्रातः काल इसका सेवन करें।
  • सुबह तथा शाम 8-10 मुनक्का खाने से बहुत लाभ होता है।
  • नींबू का रस गर्म पानी में मिलाकर रात के समय पीने से शौच साफ आती है।
  • कब्ज के रोग को ठीक करने के लिए त्रिफला चूर्ण को प्रतिदिन सेवन करना चाहिए।
  • रोगी व्यक्ति को सुबह के समय में उठते ही पानी पीना चाहिए।
  • कब्ज से पीड़ित रोगी को सुबह के समय में खुली हवा में प्रतिदिन सैर के लिए जाना चाहिए।
  • सप्ताह में 1 बार गर्म दूध में 1 चम्मच एरण्डी का तेल मिलाकर पीने से कब्ज का रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है।

कब्ज बाबा रामदेव (पतंजली आयुर्वेद दावा) | Constipation Patanjali Ayurveda Medicine in Hindi

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