Umbilical Cord: नवजात शिशु के गर्भनाल की देखभाल कैसे करें

Newborn Navel: बच्चा जब गर्भ में रहता है तो उसे अम्बिलिकल कॉर्ड (umbilical cord) यानी कि गर्भनाल के ज़रिये पोषण मिलता है। यह गर्भावस्था के दौरान बच्चे को सुरक्षा और पोषण देने का काम करता है, बच्चा इसी के सहारे मां के गर्भ में जीवित रहता है।

baby belly button

शिशु के जन्म के बाद गर्भनाल को काटकर अलग कर दिया जाता है। नवजात शिशुओं के नाभि (बेली बटन) उनके शरीर के बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील हिस्सा होता हैं यही वजह है कि नवजात शिशुओं की नाभि को अतिरिक्त देखभाल की आवशयकता होती है।


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शिशु की नाभि को काटने की प्रक्रिया | When You Should Cut Your Baby’s Umbilical Cord / Belly Button

शिशु के जन्म के बाद डॉक्टर उसकी नाभिनाल में एक चिमटी (क्लेंप) लगाकर नाल को काट देते हैं। इस प्रक्रिया में शिशु को कोई दर्द महसूस नहीं होता, क्योंकि नाल में कोई नसें नहीं होती। नाल काटने के बाद शिशु के पेट पर नाल का जो हिस्सा जुड़ा रह जाता है, उस पर डॉक्टर क्लिप लगा देते है। जब तक नाल नहीं गिरता, तब तक उस पर प्लास्टिक की क्लिप लगी रहती है। डॉक्टर इनफेक्शन की संभावना घटाने के लिए ठूंठ पर एंटिसेप्टिक लिक्विड या पाउडर भी लगा सकते हैं।

उसके बाद शिशु को साफ कर APGAR स्कोर जांचा जाता है, APGAR में 1 से 10 अंक तक हो सकता है। यह स्कोर जितना अधिक होता है नवजात उतना ही स्वस्थ कहलाता है।  APGAR के 7, 8 और 9 को सामान्य स्कोर माना जाता है। इसका अर्थ यह होता है कि नवजात स्वस्थ है। 10 स्कोर स्कोर कम ही शिशुओं को मिलता है।

अमूमन कॉर्ड क्लैंम्पिंग (गर्भनाल को बांधना और काटना) के लिए 60 सेकंड का वक़्त लिया जाता है। इसे अर्ली कॉर्ड क्लैंम्पिंग कहते हैं, लेकिन कई बार इसके लिए 60 सेकंड यानी एक मिनट से ज़्यादा का समय भी लिया जाता है, जिसे डिलेड कॉर्ड क्लैंम्पिंग कहते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की सलाह है कि गर्भनाल को एक मिनट से पहले नहीं काटना चाहिए इससे बच्चे के साथ उसकी मां का सेहत बेहतर रहता है। दरअसल नाल को जब देर से काटते हैं तो नवजात बच्चे और प्लेसेंटा के बीच खून का प्रवाह बना रहता है, जिससे बच्चे में आयरन का स्तर बढ़ता है और इसका असर बच्चे के जन्म के छह महीने तक बना रहता है।

नोट: गर्भनाल को काटने की प्रक्रिया सिर्फ डॉक्टर व विशेषज्ञ ही कर सकते हैं। इसे स्वयं से करने का प्रयास न करें।

शिशु के नाभि (ठूंठ) की देखभाल कैसे करें? | How to take care of baby’s umbilical cord

  • नाल को ढंकने के लिए किसी भी ड्रेसिंग का उपयोग न करें
  • नैपी को कसकर न लपेटें और उसे नाल के नीचे रखें। क्योंकि नैपी के नाल से रगड़ने रक्तस्राव हो सकता है।
  • नाल पर कोई भी दवाई, तेल, मलहम, कॉर्ड-पाउडर इत्यादि न लगाएं। (डॉक्टर के सलाह के बिना)
  • शिशु के नाभि के ठूंठ को संक्रमण से बचाने के लिए उसे स्वच्छ और सूखा रखने की आवश्यकता है। 
  • कई डॉक्टर ठूंठ के टूटकर गिरने तक शिशु को स्पंज स्नान कराने की सलाह देते हैं। खासकर गर्म और ऊमस वाले मौसम में।
  • शिशु की नैपी (लंगोट) बदलने, उसे नहलाने (स्पंज बाथ) या उसके नाभि ठूंठ को छूनें से पहले और बाद में अपने हाथ हमेशा धोएं।
  • अगर किसी कारण वश बच्चे की नाभि गीली हो जाएँ तो सूखे रुई से नाभिनाल के क्षेत्र को अच्छी तरह थपथपाकर सुखाएं, ताकि उसमें कोई नमी न रहे।

गर्भनाल की सफाई कैसे करें | How To Clean Newborn Navel in Hindi

Clean Newborn Navel: गर्भनाल को साफ करने के लिए पानी को उबाल कर उसे ठंडा कर लें, फिर रूई के फोहे की मद्दत से नाल के आसपास की जगह को सावधानी से धीरे धीरे साफ़ करें। ध्यान रहें नाल को गिला नही होने देना है। गर्भनाल को साफ और सूखा रखें।

Umbilical cord

नाभि की सफाई, कपड़े पहनाते या नैपी बदलते हुए सावधानी बरतें, क्योंकि गलती से आपका हाथ या तौलिया लगने से क्लिप खिंच जाए, तो शिशु को कष्ट हो सकता है।

शिशु की गर्भनाल कब गिरता है | When Does the Umbilical Cord Fall Off

शिशु की नाल का गिरना- शिशु का ठूंठ करीब दो से तीन सेंटीमीटर लंबा होता है जो अपने आप सूखकर गिर जाता है। अधिकांश शिशु की गर्भ नाल जन्म के बाद 5 से 15 दिन के बीच में सूखकर गिर जाती हैं। लेकिन कुछ शिशुओं में इसे अलग होने में तीन सप्ताह या उससे अधिक का समय लग सकता है।

ठूंठ पीले-हरे रंग से भूरे या काले रंग का हो जाएगा और अपने आप ही टूटकर गिर जाएगा। शिशु के पेट पर एक छोटा सा घाव रह जाएगा, जो ठीक होने के बाद आपके शिशु की नाभि बनेगा। इस बात पर अवश्य ध्यान दें कि ठूंठ को अपने आप ही टूटकर गिरने दें। आप इसे खींचें नही।

नाभि ठीक होने में कितना समय लगता है | How long does it take for newborn belly button to heal?

जिस समय शिशु की नाल गिरती है, उस समय खून के कुछ बूंद गिर सकते है यह सामान्य है। पूरी तरह से सूखने तक नियमित रूप से उबाल कर ठंडे किए पानी से नाभि को साफ करना जारी रखें। घाव 5-10 दिनों के भीतर ठीक हो जाएगाकई बार, नाभि का घाव ठीक होने में ज्यादा समय लग सकता है।

नाल को ढंकने के लिए किसी भी ड्रेसिंग का उपयोग न करें। अगर शिशु की कॉड गिर जाए और उसमें से पीप और खून ना रुके तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें

डॉक्टर से कब सम्पर्क करें | When to call a doctor?

अगर आपको शिशु में निम्न लक्षण दिखाई देते है तो तुरंत अपने डॉक्टर से से सलाह लेनी चाहिए-

  • नाल या नाल के चारों ओर की त्वचा लाल या सूजी हो।
  • नाल से बदबू आती हो या मवाद इकट्ठा हो गया है।
  • गर्भनाल गिरने के बाद नाभि पर गांठ बन गयी हो।
  • जब शिशु रोता है तो गर्भनाल और नाभि बाहर की ओर उठ जाती हैं।
  • ठूंठ या आसपास के क्षेत्र को छूने पर वह हर बार रोता है।
  • यदि गर्भनाल से गंभीर रक्तस्राव हो रहा है, तो शिशु को आपातकालीन उपचार की आवश्यकता है।

शिशु के ठूंठ में संक्रमण का पता कैसे चलेगा- ऊपर दिए गए लक्षण इनफेक्शन होने का संकेत हो सकता है। जिसे ओम्फेलाइटिस (Omphalitis) कहा जाता है। अगर ठूंठ में छोटी गेंद के समान गुलाबी-लाल रंग के ऊत्तक हैं, जिनसे पीले या हरे रंग का तरल स्त्राव होता है। इसे आमतौर पर अम्बिलिकल ग्रेनुलोमा (umbilical granuloma) कहा जाता है। आपको जितना जल्दी हो सके डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।


शिशु गर्भनाल से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल