सीताफल (Sugar Apple)
शरीफ़ा या सीताफल (Custerd Apple / Sugar Apple) एक प्रकार का फल है। जो अत्यंत मीठा और गुणकारी होता है। इसका वानस्पतिक नाम अन्नोना स्क्वामोसा है।
Contents
सीताफल का विभिन्न भाषाओं में नाम (Sugar Apple Name in different Language)
भारत में सीताफल को मुख्यतः दो नामों से बुलाते हैं, सीताफल, और दूसरा शरीफा। इसके अलावा भी सीताफल के अन्य नाम हैं, जो निम्न है-
वैज्ञानिक नाम | Annona Squamosa (अनोना स्क्वैमोसा) |
अंग्रेजी | Sugar Apple, Custurd Apple |
संस्कृत | सीताफल, गडगात्र, वैदेहीबालम, कृष्णबीज |
मराठी | सीताफल, आटीचक्की, सीथापझम |
बंगाली | आता, दना, मेदा |
गुजराती | सीताफल |
नेपाली | सरीफा |
तेलगु | गंधागारामू |
तमिल | सीतापलम |
असामी | कटाल |
अरबी /फ़ारसी | शरीफा, काज |
सीताफल नाम कैसे पड़ा? ऐसा कहा जाता है को वनवास के दौरान भगवान राम को सीता मां ने यह फल उपहार स्वरूप प्रदान किय था, इसका नाम तभी से सीताफल रख दिया गया। और पढ़ें: रामायण के पात्र
सीताफल सारे भारतवर्ष में प्रसिद्ध है। भारत मे झारखंड की भूमि और जलवायु शरीफा की खेती के लिये अत्यंत उपयुक्त है।
सीताफल का सामान्य परिचय (introduction of Sugar Apple)
सीताफल का उत्पादन: इसकी खेती पूरे भारत में की जाती है और दक्षिण भारत में अपने आप भी उग आता है इसका पेड़ छोटा और तना साफ छाल हल्के नीले रंग की होती है।
सीताफल में पौषक तत्व (Nutritional value of Sugar Apple)
Nutritional value of Sugar: सीताफल में प्रोटीन, कैल्शिम, फॉस्फोरस,और फाइबर जैसे न्यूट्रिएंट्स की मात्रा अधिक होती है जो आर्थराइटिस और कब्ज जैसी हेल्थ प्रॉब्लम से बचाने में मदद करता है। साथ ही इसके पेड़ की छाल में टैनिन होता है।
सीताफल का उत्पादन: सीताफल ग्रीष्म ऋतु में उगाया जाता है, इसके लिए 60°F कम-से-कम तापमान व 80 P तापमान अधिकतम अंकुरण के लिए अच्छा रहता है।
सीताफल के गुण-धर्म (Properties of Sitaphal in Hindi)
आयुर्वेद मत: आयुर्वेद अनुसार सीताफल तृप्तिजनक, रक्तबर्द्धक, स्वादिष्ट, शीतल, हृदय को हितकारी, बलबद्धक, मासबर्द्धक तथा दाद, रक्तपित्त और वात को नष्ट करने वाला होता है।
इसका फल स्वादिष्ट, पौष्टिक, रक्त को बढ़ाने वाला, मास पेशियों को दृढ करनेवाला, शीतल, दाइ को दूर करनेवाला, हृदय के लिए उपशामक, पित्त को नष्ट करनेवाला और मन को शान्त करनेवाला होता है। और पढ़ें: जानें, आयुर्वेद की ABCD
यूनानी मत: यूनानी मत से इसकी जद विरेचक होती है। इसका फल मीठा, रक्त को बढ़ाने वाला और उत्तेजक होता है। इसके बीज पचने में भारी होते हैं। पुराने समय में इसके बीजों को निकालकर और पीसकर इनकी बीजों को सर पर लगाया जाता था तथा जिससे सर के जुएं मर जाते हैं। और पढ़ें: वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति
सीताफल खाने के फायदे, और नुकसान (Benefits & Side Effect of Pomegranate in Hindi)
मोटापे को बढावा: सीताफल का ज्यादा सेवन करने से यह मोटापे को बढ़ावा देता है। अगर आप मोटापे से ग्रसित है, तो अपने फलाहार में सीमित सीताफल को ही शामिल करें। और पढ़ें: मोटापा कैसे कम करें (Complete Guide)
खाली पेट और सर्दी में न खाएं: सीताफल एक ठंडा फल है, अगर आपको सर्दी-जुखाम है, तो आपको सीताफल नहीं खाना चाहिए।
खाली पेट न खाएं: सीताफल का सुबह सुबह खाली पेट सेवन नही करना चाहिए। सीताफल की तासीर ठंडी होने के कारण यह शरीर में सर्दी जुखाम को बढ़ावा देता है।
शुगर के मरीज न खाए सीताफल: सीताफल एक बहुत मीठा फल है इसलिए इसे शुगर के मरीज को नहीं खाना चाहिए।
आंख पर न जाएं: इसका रस भूलकर भी आँखों में नहीं जाना चाहिए, वरना आपकी आंखे खराब हो सकती हैं।
Tags: Sitafal Benfits and Side effect in Hindi, Sitafal ke Fayde, Sitafal ayurvedic usess, Sitaphal Myths and Facts, Right time to eat custard apple, custard apple benefits and side effects, sitaphal season in india