वच (Sweet Flag)
वच या बच एक लोकप्रिय औषधीय पौधा है जिसका उपयोग भारत में अनेक आयुर्वेदिक औषधियों में किया जाता है। इसलिए आजके इस लेख में हम वच के औषधीय गुण और प्रयोग के बारे मे बता रहे है..
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वच का विभिन्न भाषाओं में नाम (Vach Called in Different Languages)
वैज्ञानिक नाम | Acorus calamus |
अंग्रेज़ी | (स्वीट कैलेमस), फ्लैग रूट (Flag root) |
हिंदी | वच, घोरवच, घोड़वच |
संस्कृत | वचा, उग्रगन्धा, षड्ग्रन्था, गोलोमी, शतपर्विका, क्षुद्रपत्री, मङ्गल्या, जटिला, उग्राम, लोमशा |
गुजराती | वज (Vaj), घोड़ावज (Godavaj) |
मराठी | वेखण्ड (Vekhand) |
नेपाली | बोमो (Bomo) |
बंगाली | वच (Vacha) |
कन्नड़ | बजे (Baje), वशाम्पा (Vashampa) |
तमिल | वशाम्बु (Vashambu) |
तेलगु | वासा (Vasa), वस (Vas) |
मलयालम | व्वयम्बु (Vayambu) |
वच का सामान्य परिचय (Introduction of Vacha)
बच, एक बारहमासी पौधा है जिसकी शाखायें बहुत विस्तृत होती है। पत्तियाँ रेखाकार, लंबी मोटी व मध्य शिरा युक्त होती है और 0.7 से 1.7 से.मी. चौड़ी होती है। इसकी पत्तियों से नींबू की तरह सुगंध आती है
फूल 3 से 8 से.मी. लंबे आकार में बेलनाकार हरे-भूरे रंग के और चारों से वाली से ढ़के हुये होते है। फल छोटे और बेर की तरह गोल आकार के होते है। यह पौधा 45 से 60 से.मी. उँचाई का होता है। इसका स्वाद कड़वा होता है।
इसके बढ़ते औषधीय उपयोग के कारण यह जंगलो से तेजी से निकाला जा रहा है। वर्तमान में यह लुप्त प्रजातियों की सूची में शामिल किया गया है।
वच का विभन्न रोगों में प्रयोग (Use of Vach in various diseases in Hindi)
सिर दर्द: वचा कन्द और पीपली के महीन चूर्ण को समान मात्रा में अच्छी तरह मिला लें। इस चूर्ण की एक चुटकी नाक के दोनों छेदों से सूंघें इससे छींकें आती हैं और नाक बहती है। इस तरह सिरदर्द में आराम मिलता है। और पढ़ें: माइग्रेन लक्षण और उपचार
शिशु की सामान्य समस्या: शिशुओं की सामान्य समस्याओं जैसे कफ, बुखार पेट दर्द इत्यादि के लिए 250 मि.ग्रा. वचा चूर्ण तथा 1 ग्राम मुलैटी के चूर्ण को शहद में मिलाकर दिन में दो बार सेवन कराएं ।
हकलाना: वचा कन्द के चूर्ण को 100 से 250 मि.ग्रा. की मात्रा में शहद के साथ प्रति दिन लेने से हकलाने की समस्या में लाभ होता है और स्नायु तंत्र को मजबूत करता है। यह ध्यान रखा जाए कि 1 ग्राम से अधिक मात्रा की खुराक से उल्टी भी हो सकती है। और पढ़ें: अनेक रोगों का लक्षण उल्टी