Vomiting: अनेक रोगों का लक्षण है उल्टी

Diseases and Vomiting: उल्टी किसी को भी आ सकती है। आमतौर पर जब भी किसी को उल्टी आती है, तो लोग सबसे पहले दवाई से उल्टी का इलाज करने की कोशिश करते हैं, लेकिन क्या आपको पता है उल्टी कई रोगों का संकेत भी देता है। चलिए हम आपको बताते है..

Vomiting

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अनेक रोगों का लक्षण है उल्टी (Vomiting Indicates Various Diseases in Hindi)

यदि रोगी को केवल एक या दो उल्टियां हुई हों तो डरने की बात नही होती है। लेकिन रोगी को लगातार उल्टियां होने से पानी, नमक, पोटैशियम क्लोराइड एवं अन्य खनिज लवणों की कमी हो जाने से शरीर में अनेकानेक जटिलताएं उत्पन्न हो जाती हैं। इसके अतिरिक्त उल्टी होने का मूल कारण मालूम करके उसका भी त्वरित एवं उचित उपचार आवश्यक है।

हार्ट अटैक (Heart Attacks)

जब हृदय के पिछले निचले भाग की मांसपेशी का रक्त प्रवाह अचानक रुक जाता है तो रोगी अचानक छाती में दर्द और उल्टियों की शिकायत करने लगता है। ऐसे में ई.सी.जी. (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम) व रक्त में एस.जी.ओ.टी. टेस्ट निर्णायक हो सकते हैं। योग्य चिकित्सक से परामर्श लेकर उपचार कराएं।

हार्टफेल्योर (Heart Failure)

बच्चों में जोड़ों के दर्द तथा बुखार से उत्पन्न हृदय रोग (रयूमेटिक हृदय रोग) के वाल्व से कोरोनरी धमनी में जमे रक्त से उच्च रक्तचाप से वायरल बुखार के हृदय की मांसपेशी पर दुष्प्रभाव से, कॉनिक ब्रोंकाइटिस से फेफड़ों के दीर्घकालीन रोगों से, जब हृदय फेल हो जाता है तो पैरों पर सूजन आ जाती है। यकृत का आकार बढ़ जाता है। रोगी पेट दर्द बताता है। आमाशय तथा आंत की शिराएं रक्त एकत्र हो जाने से फूल जाती हैं जिससे रोगी उल्टियों की शिकायत करते हैं।

टिप्स- नमक कम मात्रा में लें। आराम करें, लेकिन पैरों को हिलाते-डुलाते रहें जिससे उनकी शिराओं में रक्त न जमने पाए।

मस्तिष्क रोग (Brain Diseases)

ब्रेन ट्यूमर, मस्तिष्क में घाव व फोड़ा, विषाणुजनित सूजन (एनसिफलाइटिस) दिमाग की झिल्ली को सूजन (मेनिनजाइटिस) (चाहे क्षय रोग के कारण हो अथवा मवाद पैदा करने वाले जीवाणुओं से) इन सभी रोगों में उल्टियां होना एक मुख्य लक्षण होता है।

किन्तु अज्ञानतावश रोगी एवं रोगी के रिश्तेदार समझते रहते हैं कि शायद पेट के किसी रोग के कारण उल्टी हो रही है। ऐसे रोगी सिर दर्द, बुखार तथा आंखों की रोशनी कम होने की शिकायत करते हैं और बहुत से रोगी पूर्ण रूप से चैतन्य नहीं रहते।

यह बात हमेशा ध्यान रखनी चाहिए कि उल्टी पेट रोग के कारण है तो रोगी प्रायः जी मिचलाने की शिकायत करेगा किन्तु मस्तिष्क रोग के कारण होने पर प्रायः ऐसा नहीं होता।

शीघ्रातिशीघ्र इन मस्तिष्क रोगों का निदान तथा उपचार न किया जाए तो ये रोग बढ़ कर बहुत जल्दी लाइलाज हो जाते हैं और रोगी के जीवन के लिए खतरा बन जाते हैं और अंधापन, बहरापन, फालिज या लकवा, मस्तिष्क क्षीणता जैसी जटिलताएं भी उत्पन्न कर देते हैं।

इसी तरह ब्रेन हैमरेज (मस्तिष्क की धमनी का फट जाना) का अटैक होने के कारण भी सिर दर्द लकवा और बेहोशी होने के अलावा रोगी को उल्टियां भी बहुत होती हैं। यह अत्यंत आवश्यक है कि ऐसे रोगी को एक करवट लिटाएं ताकि उल्टी में निकला पदार्थ श्वासनली को अवरुद्ध न कर दे अन्यथा रोगी की मृत्यु तक हो सकती है।

फूड एलर्जी (Food allergies)

कई लोगो को खास भोज्य पदार्थ से उल्टी होने की शिकायत करते हैं। फूड एलर्जी किसी खाद्य पदार्थ के प्रति शरीर की प्रतिशोध प्रतिक्रिया है। इसके लक्षणों में शरीर पर लाल चकत्ते, खुजली और उल्टी की समस्या प्रमुख हैं। 

कई बार उल्टी होने पर लोग इसे फूड पॉइजनिंग भी मान लेते हैं इसलिए हर बार किसी एक ही चीज को खाने से आपको उल्टी हो तो इसे हल्के में ना लें और फौरन अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

दवाओं का दुष्प्रभाव (Side Effects of Medicine)

कई बार रोगियों को औषधियों के दुष्प्रभाव से भी उल्टी उल्टी की समस्या हो सकती है। एस्प्रिन, डिजिटेलिस, मार्फीन आदि अंग्रेजी दवाएं उल्टी का कारण बन सकती है।

अतः दवाओं का सेवन बिना चिकित्सकीय परामर्श के नहीं करना चाहिए। यदि आपको दवाई खाने के बाद जी मचलाना, उल्टी होना जैसे लक्षण दिखाई देते है यो तुरन्त अपने डॉक्टर को सूचित करें।

गर्भावस्था (Pregnancy)

जी मिचलाना और उल्टियां होना, गर्भधारण के महीनों में खासकर प्रातः काल में एक आम बात है। गर्भावस्था के दौरान महिला में आंतरिक रूप से और बाहरी तौर पर कई तरह के बदलाव होते हैं. हॉर्मोनल बदलावों के चलते जी मिचलाना और उल्टी होने जैसी समस्याएं हो जाती हैं।

यह मिचली आमतौर पर गर्भावस्था के पांचवे वे छठे सप्ताह से शुरू होती है। औऱ पहली तिमाही के अंत तक अधिकांश महिलाओं में मिचली का अहसास समाप्त भी हो जाता है।

विषाक्त भोजन के सेवन (Food Poisoning)

फूड पॉइजनिंग खराब भोजन करने की वजह से होती है। इसे विषाक्त भोजन के नाम से भी जाना जाता है। दरसअल, फूड पॉइजनिंग बैक्टीरिया, वायरस और जर्म्स के कारण होता है। जो खाने की चीजें, ड्रिंक आदि के जरिए हमारे पेट में पहुंच जाते हैं। पेट में पहुंचे जर्म्स विषैले पदार्थ छोड़ते हैं, जिस कारण फूड पॉइजनिंग होती है।

विषैला पदार्थ (Poision) के खाने व पीने की स्थिति में खून की उल्टी होने पर तथा आमाशय और आंत में रुकावट के लक्षण मालूम होते ही रोगी को अस्पताल ले जाना चाहिए।

पोषक तत्व की कमी, अधिक उपवास (Prolonged fasting & Nutritional deficiencies)

दीर्घकालीन उपवास से अथवा भोज्य पदार्थ तथा विटामिन की कमी से उल्टियां हो सकती है। पेशाब जांच में क्रीटोनबाडीज मिलने पर उल्टी का उक्त कारण स्पष्ट हो जाता है।


Source: प्रस्तुत लेख के कुछ अंश ‘पेट के रोग कारण और उपचार’ (By Dr. Rajeev Sharma) पुस्तक से लिए गए है।

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