Thyroid: थायराइड के लक्षण, कारण और उपचार
थायराइड (Thyroid) वर्तमान समय की एक आम समस्या है, जो अधिकांश लोगों में देखने को मिल रही है। थायरॉइड एक प्रकार की एंडोक्राइन ग्रंथि है, जो हार्मोन्स को बनाती है। थायरॉइड मुख्दोयतः तरह का होता है- हाइपरथायरॉइडिज्म और हाइपोथायरॉइड। आइए जानते है थायराइड रोग होने के कारण, लक्षण और उपचार-
थायरॉइड एक ग्रंथि है लेकिन बीते बीस साल में इसे बड़ी स्वास्थ्य समस्या के तौर पर देखा जा रहा है। चाहे आपका वजन अचानक बढ़ने लगा हो या फिर आपके के बाल झड़ने या गिरने लगे हैं या फिर आपको हर समय थकान रहती है, इन सबकी जड़ में थाइराइड और थाइराइड असंतुलन है।
डाउन टू अर्थ की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 40 मिलियन लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं, जिसमें हाइपोथायरायडिज्म (hypothyroidism) से 10 में से 1 व्यक्ति पीड़ित है। एक अन्य अध्यन के मुताबिक पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थायराइड विकार दस गुना ज्यादा होता है। यही कारण है सेहत कि आज ज्यादातर महिलाएं मोटापे की शिकार हैं तो कई महावारी की अनियमितता से वहीं कुछ महिलाएं थाइराइड असंतुलन की वजह से चेहरे पर निकल आए बालों से परेशान रहती हैं तो कई महिलाएं गर्भवती ही नहीं हो पाती।
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थायरॉइड क्या है? | What is Thyroid in Hindi?
थायराइड एक अंत: स्रावी ग्रंथि (एंडोक्राइन ग्लैंड) है, जो गले में होता है। इसका आकारा तितली यानी बटरफ्लाई के आकार का होता है। इसमें से थायराइड हार्मोन निकलता है जो शरीर में चयापचव को संतुलित करता है। थायराइड ग्रांथि शरीर से आयोडीन की मदद से हार्मोन बनाता है और जब थायराइड हार्मोन का स्त्राव असंतुलित हो जाता है तो शरीर में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती है।
थाइराइड के प्रकार| What are The Types of Thyroid in Hindi
थाइराइड रोग के पांच प्रकार हैं जिनमें हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म प्रमुख हैं। किसी व्यक्ति को एक समय में एक या एक से अधिक तरह की थाइराइड समस्या हो सकती है। सभी प्रकारों के लक्षण और समस्याएं अलग-अलग होती है।
- हाइपोथायरायडिज्म: इसमें जरूरत से कम थायराइड हार्मोन का स्राव होता है।
- हाइपरथायरायडिज्म: जरूरत से कहीं अधिक थायराइड हार्मोन के साव से समस्याएं होती हैं।
- संरचनात्मक असामान्यताएं: थायरॉयड ग्रंथि के बढ़ने की वजह से घेंघा होता है।
- ट्यूमर: इसमें मामूली ट्यूमर या कैंसर भी हो सकता है।
- थाइराइड:असामान्य कार्य करना।
हाइपापोथायराइड | hypothyroidism
इसमें थायराइड ग्रंथि सक्रिय नहीं होता, जिससे शरीर में जरूरत के मुताबिक टी3, टी4 हार्मोन नहीं पहुंच पाता। इससे पीड़ित व्यक्ति का वजन अचानक बढ़ जाता है। कम खाना जैसे तमाम उपाय भी उसके वजन को कम नहीं कर पाते। इससे पीड़ित व्यक्ति को अपने आहार में आयोडिन नमक, सी फूड, फिश, चिकेन, अंडा, दूध और इसे बनी चीजें खानी चाहिए।
लक्षण-
- चेहरे एवं आंखों पर सूजन
- मांसपेशियों में ऐंठन
- हृदय गति का धीमा होना
- यादाश्त कम होना
- अनियमित महावारी
- सुस्ती
- थकान
- कब्ज
- उदासी
- वजन बढ़ना
हाइपर थायरायड | Hyperthyroidism
इसमें जरूरत से अधिक थायराइड हार्मोन का स्राव होता है जो खून में घुलने लगता है। ऐसा होने पर पीड़ित व्यक्ति का वजन अचानक कम होने लगता है। यह बेहद खतरनाक स्थिति होती है। इसमें मरीज चाहे जितना भी खा ले उसका वजन लगातार घटता ही रहता है। आहार में हरी सब्जियां, साबूत अनाज, ब्राउन ब्रेड, ओलिव ऑयल, लेमन, हर्बल और ग्रीन टी, अखरोट, जामुन, स्ट्रॉबेरी, गाजर, हरी मिर्च, शहद को शामिल करना चाहिए।
लक्षण-
- मांशपेशियों में कमजोरी
- अच्छी नींद का अभाव
- गर्म तापमान के प्रति संवेदनशीलता
- महावारी में अनियमितता
- भूख का बढ़ जाना
- हृदय गति तेज होना
- अधिक पसीना आना
- चिड़चिड़ापन
- गर्भपात
सावधानियां- वजन के तेजी से बढ़ने वा घटने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। सुबह उठकर सैर पर जाएं या फिर योग वा कसरत करें। समय पर खाएं, सोएं और डॉक्टर के परामर्श अनुसार दवाइयां लेते रहें।
सआभार- @जनसत्ता