Popular Sayings: स्वास्थ्य सम्बन्धी लोक कहावतें

स्वास्थ्य सम्बन्धी लोक कहावतें: लोक कहावते किसी समाज के अनुभव तथा उससे उपलब्ध ज्ञान का निचोड़ होते है। समाज के सभी वर्गों के व्यक्ति उनसे हर समय लाभ उठा सकते है, इन कहावतों के प्रयोग से भाषा का सौन्दर्य और सार्थकता भी बढ़ता है। आजके इस लेख में हम आपको ऐसे ही कुछ प्रसिद्ध स्वास्थ्य से जुड़े लोक कहावते बता रहे है-

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स्वास्थ्य सम्बन्धी लोक कहावतें | Popular Sayings on Health in Hindi

पहला सुख निरोगी काया

पहला सुख निरोगी काया, दूजा सुख घर में हो माया।
तीसर सुख कुलवन्ती नारी, चौथा सुख सुत आज्ञाकारी।
पंचम सुख भाई बलवीरा, छठवां सुख राज में सीरा।
सप्तम सुख हो वास सुवासा, अष्टम सुख हो पंडित पासा।
नवम सुख हों मित्र घनेरे, ऐसे नर नहिं जग बहुतेरे।

सुबह कब उठाना चाहिए?

प्राता रत्नं प्रातरित्वा दधाति (ऋ 1/125/1)

अर्थात- ऋग्वेद में कहा गया है कि “ब्राह्म मुहूर्त में उठने वाला व्यक्ति रत्नों को धारण करता है।”

तीन बजे जागे योगी-

तीन बजे जागे सुयोगी,
चार बजे जागे सुसंत।
पांच बजे जागे सो महात्मा,
छह बजे जागे सो भगत।
बाकी सब ठगत ॥

अर्थ- इस कहावत में बतलाया गया है कि योगी पुरुष तीन बजे जाग जाते हैं, संत पुरुष चार बजे बिस्तर त्याग देते हैं, महात्मा लोग पांच बजे जाग जाते हैं, भक्तजन छह बजे जाग जाते हैं। शेष लोग जो छह बजे के बाद जागते हैं, वे स्वयं को ठग रहे होते हैं, अर्थात् अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे होते हैं।

टहलने की महिमा:-

प्यास लगे तो जल पिए भूखे भोजन खाय।
भ्रमण करे नित भोर में, ता घर वैद्य न जाय।

प्रातः काल उठाकर पानी पीना-

प्रातःकाल खटिया से उठिके पीये तुरैत पानी,
बांके घर में वैद्य न आवे।

अर्थ- सुबह जो खाली पेट पानी पिता हैं, उसके घर में वैद्य या डाक्टर की जरूरत नहीं।

नीम के पानी से करे जो स्नान,
खाज-खुजली जो दूषित खून,
मिट जाए सब, निश्चित जान।

अर्थ- नीम के पानी से स्नान करने से खाज-खुजली तथा दूषित खून की समस्त शिकायतें निश्चित ही दूर हो जाती हैं।

स्तनों में दूध का न उतरना-

पिए छाछ से नित्य जो, सौंफ सैंधे को चूर्ण
साथ मिला जीरा सफेद, बंध्या कू भी उतरै दूध ।

अर्थ- साँफ तथा सफेद जीरा 100-100 ग्राम, सेंधा नमक 50 ग्राम इन तीनों को कपड़छान कर लें गाय की ताजा छाछ से यह चूर्ण पांच से दस ग्राम की मात्रा में मिलाकर नियमित पीने से ‘मां’ के स्तनों में दूध उतरने लगता है।

ज्वर (बुखार)

ग्यारह तुलसी पत्र जो, स्याह मिर्च संग चार।
तो मलेरिया इकतारा, मिटे सभी विकार।

अर्थ- तुलसी के ग्यारह पत्ते, चार काली मिर्च के दानों के साथ चबाने से मलेरिया, इकतारा इत्यादि बुखार निश्चित ही दूर हो जाता है।

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