Arthritis: गठिया के लक्षण, कारण और उपचार
Arthritis in Hindi: गठिया (अर्थराइटिस) ऐसी बीमारी है जिसका इलाज जिंदगी भर चल सकता है। लेकिन दवाओं, फ़िज़ियोथेरेपी (व्यायाम से उपचार) या कभी-कभी ऑपरेशन से लक्षणों में कमी लाई जा सकती है और रोगी की हालत सुधारी जा सकती है। आइए जानते है गठिया के लक्षण, कारण और उपचार-
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गठिया क्या है? | What is Arthritis in Hindi
गठिया (Arthritis / आर्थ्राइटिस) आपके एक या एक से अधिक जोड़ों की सूजन है, जिसमे जोड़ो में दर्द और जकड़न होती है। इस रोग में जोड़ों में गांठें बन जाती हैं और शूल चुभने जैसी पीड़ा होती है। कुछ मामलों में, जोड़ मुड़कर विकृत भी हो सकते हैं।
अगर यह आपके हाथों को प्रभावित करता है, तो दैनिक कार्यों को करना मुश्किल हो सकता है। इसी प्रकार पैरों के जोड़ो का गठिया चलने फिरने से लाचार बना सकता हैं। और पढ़े: गठिया रोग के लिए डाइट प्लान
गठिया रोग के प्रकार | Types of Arthritis in Hindi
गठिया कई प्रकार का होता है, जिनमे से 4 प्रमुख प्रकार निम्न है-
- Osteoarthritis
- Rheumatoid Arthritis
- Septic (Infectious) Arthritis
- Gout
ऑस्टियोआर्थराइटिस | Osteoarthritis (OA) in Hindi
Osteoarthritis: इसे अस्थिसंधिशोथ (degenerative joint disease) या DJD नाम से भी जाना जाता हैं। ऑस्टियोआर्थराइटिस में जोड़ों की हड्डी पर चढ़ी कार्टिलेज (Cartilage) की परत कमजोर / टूटने लग जाती है। परिणामस्वरूप हमारे जोड़ों का सरफेस खुरदरा (रफ) हो जाता है। जिसकी वजह से जोड़ों में सूजन, दर्द और अकड़न होने लगती है।
यह स्थिति समय के साथ धीरे-धीरे विकसित होती है और समय के साथ-साथ बदतर हो जाती है। यह शरीर के छोटे छोटे जोड़ों में भी हो सकता है, लेकिन आम तौर पर यह घुटनों, कूल्हों और रीढ़ की हड्डी के जोड़ों को अधिक प्रभावित करता है।
दरसअल, कार्टिलेज (Cartilage) हड्डियों के जोड़ों में पाए जाने वाले मजबूत तथा लचीले ऊतक होते हैं। ये हड्डियों को आपस में जोड़ने और रगड़ से बचाने का काम करते हैं। जब कार्टिलेज में किसी कारणवश क्षति पहुंच जाती है, तो दोनो हड्डियों के सिरे एक दूसरे से घिसने (रगड़) लग जाते हैं। जिससे जोड़ों में दर्द, अकड़न, सूजन जैसी समस्याएं देखने को मिलती है, इसके परिणाम स्वरूप व्यक्ति विकलांग भी हो सकता हैं।
इससे रीढ़ (Spine) के कार्टलाजिनस जोड़ (cartlaginous joints) भी ख़राब हो सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप पतले इंटरवर्टेब्रल डिस्क (intervertebral disks) की समस्या हो सकती है।
आमतौर पर यह बढ़ती उम्र के साथ होता है लेकिन यह जोड़ की चोट (joint injury) या संक्रमण (infection) के कारण भी हो सकता है। आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारक जैसे चोट और मोटापा रोग की गंभीरता और शुरुआत में भूमिका निभाते हैं।
रूमेटोइड गठिया | Rheumatoid Arthritis (RA) in Hindi
Rheumatoid Arthritis: रूमेटोइड, एकऑटोइम्यून डिजीज (autoimmune disease) है जिसमें शरीर की इम्यूनिटी स्वस्थ कोशिकाओं को ही नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को जोड़ों में दर्द, सूजन और जलन की शिकायत होती है। इसमे जॉइन्ट्स का आकार बदलने लगता है, जिससे पैर व हाथ या उंगलियां टेढ़ी होने लगती हैं।
RA के लिए आनुवंशिक संवेदनशीलता वाले व्यक्ति एक विशिष्ट एंटीजन के संपर्क में आने पर रोग विकसित करते हैं (एक एंटीजन एक पदार्थ है जो एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को प्रेरित करता है)। शोधकर्ता RA को ट्रिगर करने वाले सामान्य एंटीजन की पहचान करने का प्रयास कर रहे है। सफल उपचार में आराम, उचित व्यायाम, दर्द को कम करने के लिए दवाएं शामिल हैं।
गठिया क्यों होता है | Causes of Arthritis in Hindi
निम्न कारण गठिया होने के खतरे को बड़ा सकते है-
• Family history: यदि आपके माता-पिता या भाई-बहनों को यह विकार है तो आपको गठिया होने की संभावना अधिक हो सकती है।
• Age: उम्र बढ़ने के साथ गठिया होने की सम्भवना भी बढ़ती जाती है।
• Sex:- पुरुषों की तुलना में महिलाओं में रूमेटोइड गठिया विकसित होने की संभावना अधिक होती है।
• Previous joint injury: जिन लोगो को खेलते या अन्य किसी कारण से जोड़ पर चोट लगी हो उन्हें गठिया होने की अधिक संभवना होती हैं।
• Obesity: आपके भारी वजन का भार आपके जोड़ो पर पड़ता है, विशेषरूप से घुटने, कुल्हे और रीढ़ की हड्ड़ी पर। इसलिए मोटापे से ग्रसित व्यक्ति को गठिया होने का अधिक खतरा रहता है।
गठिया के लक्षण | Symptoms of Arthritis in Hindi
आपके गठिया के प्रकार के आधार पर, आपको निम्न लक्षण हो सकते है-
- दर्द, कठोरता
- सूजन, लालपन
- गति की घटी हुई सीमा
डॉक्टर क्या परिक्षण कर सकते है | What tests to expect
Physical examination: शारीरिक जांच के दौरान, आपका डॉक्टर हड्डी की सूजन, लालिमा, दर्द और विकृति की जांच करेंगे। वह यह भी देखेंगे कि आप अपने जोड़ों को कितनी अच्छी तरह हिला सकते हैं। अतिरिक्त परीक्षणों में निम्न चीज़े शामिल हो सकते हैं-
गठिया रोग के लिए लेबोरेटरी टेस्ट | Laboratory tests for Arthritis
विभिन्न प्रकार के शरीर के तरल पदार्थों का विश्लेषण आपको गठिया के प्रकार का पता लगाने में मदद कर सकता है-
Blood or Urine Test: ब्लड टेस्ट या मूत्र टेस्ट से सीधे अर्थराइटिस का पता नहीं लगाया जा सकता, लेकिन इसके विश्लेषण से गठिया के प्रकार का पता लगाने में मदद होती हैं।डॉक्टर आपका Complete Blood Count Test, Antinuclear Antibodies Test, Uric acid Test, C-reactive Protein Test करवा सकते हैं।
Joint fluid Analysis: इसे सायनोवियल फ्लूड एनालिसिस (synovial joint fluid analysis) भी कहते है। इसमें जोड़ में सूजन, थक्का, रक्तस्त्राव, संक्रमण और ट्यूमर जैसे रोगों की जड़ का पता लगाते हैं।
इसमे प्रभावित जोड़ पर स्टेरेलाइज्ड सूई की मद्द से फ्लूड का सैंपल निकालते हैं। सैंपल लेने से पहले उस जगह को सुन्न किया जाता है। फिर इसमें सुई डालकर थोड़ा सा तरल पदार्थ निकालकर इसकी जांच की जाती है। इसके बाद सैंपल को लैब में भेज दिया जाता हैं। जहां इसके कलर व टैक्सचर के अलावा सैंपल में लाल व सफेद रक्त कणिकाओं की संख्या, ग्लूकोज, प्रोटीन, यूरिक एसिड और लेक्टेट डिहाइड्राजिनेज (LDH) की मात्रा देखी जाती है।
गठिया रोग के लियें इमेजिंग टेस्ट | Imaging tests for Arthritis
आपके जोड़ों के दर्द की पहचान करने के लिए निम्न टेस्ट किए जा सकते है-
X-rays: एक्स-रे कार्टिलेज लॉस (cartilage Loss) और हड्ड़ी की क्षति (bone damage) को दिखा सकते हैं। रोग की प्रगति को ट्रैक करने के लिए भी एक्स-रे का उपयोग किया जा सकता है।
Computerized tomography (CT Scan): सीटी स्कैन कई अलग-अलग कोणों से एक्स-रे लेकर जानकारी को जोड़ता है। सीटी स्कैन हड्डी और आसपास के कोमल ऊतकों दोनों की स्थिति को दिखा सकता है।
Ultrasound: अल्ट्रासाउंड में cartilage, tendons और ligaments की संरचनाओं को दिखाने के लिए उच्च आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगों का उपयोग किया है।
Magnetic resonance imaging (MRI): MRI रेडिएशन के बजाए मैग्नेटिक फील्ड पर काम करता हैं। MRI से cartilage, tendons और ligaments की अधिक विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकती है। लेकिन यह एक महंगी प्रक्रिया है इसमे 10 हज़ार रु तक का ख़र्चा आ सकता हैं।
गठिया के लियें जीवन शैली | Lifestyle for Arthritis in Hindi
लाइफ स्टाइल में परिवर्तन लाकर आप गठिया रोग मे कमी ला सकते है-
Weight loss: यदि आप मोटे हैं, तो वजन कम करने से वजन वहन करने वाले जोड़ों पर तनाव कम होगा।
Exercise: नियमित व्यायाम आपके जोड़ों को लचीला बनाए रखने में मदद करता है। तैरना और पानी एरोबिक्स अच्छे विकल्प हो सकते हैं।
Heat and cold: हीटिंग पैड या आइस पैक दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं।
Massage: हल्के हाथ से मालिश करने से मांसपेशियों में रक्त प्रवाह बढ़ जाता है और जोड़ों को गर्माहट मिलती है, जिससे अस्थायी रूप से दर्द से राहत मिलती है।
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