गन्ना (Sugarcane)
गन्ना, विश्व की एक प्रमुख नकदी फसल है, जिससे चीनी, गुड़,आदि का निर्माण होता हैं। भारत का गन्ने की उत्पादकता में संपूर्ण विश्व में दूसरा स्थान हैI आयुर्वेद में गन्ने के कई औषधीय गुण बताये गए हुई, आइए जानते है गन्ने की औषधीय गुण और प्रयोग…

गन्ना के विभिन्न भाषाओं में नाम (Sugarcane Name in different Language)
वैज्ञानिक नाम | Saccharum officinarum |
अंग्रेज़ी | Sugarcane |
हिंदी | ईख, गन्ना |
संस्कृत | पुण्ड्रक, अधिपत्र, असिपत्र, इक्षु, रसालु, विपुल रस, दीर्घच्छद, गुडमूल |
बंगाली | आक (Aak), गन्ना (Ganna) |
गुजराती | नैशाकर(Neishakar), सेर्डी (Serdi) |
मराठी | आओस (Aaose), कब्बी (Kabbi) |
कन्नड़ | इक्षु (Ikshu), इक्षुदण्ड (Ikshudand) |
नेपाली | उखू (Ukhu) |
मलयालम | दर्भेशु (Darbheshu), इक्षु (Ikshu) |
तेलगू | अरुकनूपूलारूनुगा (Arukanupularunuga), इंजू (Inju) |
गन्ना के विभिन्न रोगों में प्रयोग (Sugarcane in various diseases in Hindi)
गन्ने के रस का नित्य समयावधि में सेवन किया जाना चाहिए। यह पूरे शरीर की को पोषण देता है। इससे दांतों की भी अच्छी कसरत हो जाती है और दांत सांफ और मजबूत रहते हैं।
मूत्र रोग और पथरी: गन्ने के रस का नित्य सेवन किया जाता है। वास्तव में यह एक प्राकृतिक मूत्रवर्धक है । यह न केवल मूत्राशय की पथरी को बाहर निकालने में सहायक है।
पीलिया: पीलिया रोग में दिन में 2 गिलास गन्ने का ताजा रस पीना फायदेमंद रहता है।
शरीर को ठंडा: शरीर को ठंडा रखने के साथ-साथ गन्ने का रस शरीर को नमी प्रदान करता है। यह तापाघात के संभावित खतरे को कम करने में मदद करता है।
वजन बढ़ाने के लिए: वजन बढ़ाने के लिए प्रतिदिन एक गिलास गन्ने के रस का सेवन करने की सिफारिश की जाती है। और पढ़ें: वजन बढ़ाने के लिए डाइट प्लान
हिचकी रोग: एक गिलास गन्ने के रस में 3 ग्राम सौंठ डालकर पीना हिचकी में फायदेमंद होता है।और पढ़ें: हिचकी आने के कारण और उपचार
संग्रहणी: आधा कप गन्ने का रस और आधा कप अनार का रस प्रतिदिन दो बार पीने से संग्रहणी (पेचिश) में फायदा होता है।