Paralysis Diet Plan: लकवा मरीजों के लिए डाइट प्लान
Paralysis Diet Plan: जब शरीर के बाएं या दाएं भाग की मांसपेशियों व नसों की कार्यशक्ति, गतिशीलता कम या समाप्त हो जाती है, तो उस रोग को पक्षाघात या लकवा के नाम से जाना जाता है। यह मुख्य रूप से संपूर्ण शरीर का, आधे शरीर का या केवल चेहरे का लकवा होता है। आयुर्वेद के मतानुसार पक्षाघात का मुख्य कारण शरीर में वात दोष का कुपित हो जाना है।
लकवा के प्रमुख लक्षण- पक्षाघात के प्रमुख लक्षणों में शरीर के प्रभावित अंग में क्रियाहीनता, दुर्बलता, इच्छानुसार अंग न उठा पाना, संज्ञानाश, आंख से धुंधला दिखना, एक वस्तु के दो प्रतिबिंब दिखाई पड़ना, चक्कर आना, कमजोरी, बोलने की क्षमता घटना, अस्पष्ट बोलना, चेहरे की विकृति, मुंह का टेढ़ापन, कुरूपता, गर्दन का टेढ़ा होना आदि देखने को मिलते हैं।
लकवा होने के प्रमुख कारण- कारण पक्षाघात के उत्पन्न होने के प्रमुख कारणों में उच्च रक्तचाप का अधिक बढ़ना, चोट के कारण मस्तिष्क में रक्त का थक्का बनना, रक्ताल्पता, विषम आहार-विहार, अत्यधिक व्यायाम या परिश्रम तीव्र मस्तिष्क शोध, मस्तिष्क के अन्य रोग, मिर्गी, माइग्रेन, हिस्टीरिया, डायबिटिक कामा, मस्तिष्क आवरण शोथ, अधिक मैथुन करना, आकस्मिक घटना के कारण अत्यंत हर्ष या विषाद की स्थिति, स्नायु रोग, शराब का अधिक सेवन, गठिया, अधिक ठंडे माहौल में रहना, वात उत्पन्न करने वाले पदार्थों का अधिक सेवन आदि होते हैं।’
आयुर्वेद, में लकवा के इलाज की कई विधियाँ बताई गयी हैं साथ ही आहार और दिनचर्या में बदलाव से भी लकवा के असर को कम किया जा सकता है। आइये जानते हैं कि लकवा के मरीजों को अपने खानपान में क्या बदलाव लाने चाहिए-
Contents
लकवा रोग के लिए डाइट चार्ट | Diet plan for Paralysis in Hindi
समय | संतुलित आहार योजना |
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प्रातः 8 बजे | 1 कप दूध, दलिया /पोहा /उपमा /अंकुरित अनाज / 2-3 रोटी,+ 1 कटोरी सब्जी + फ्रूट चार्ट (बिना नमक, मसाले के) |
दोपहर 12:30-01:30 | 2-3 पतली रोटियां ,+ 1 कटोरी चावल (मांड रहित ) + 1 कटोरी हरी सब्जिया (उबली हुई ), + 1 कटोरी दाल,+ 1 बाउल सलाद |
शांम 5:30 – 6 :00 | 1 कप हर्बल टी, + स्नेक्स |
रात्रि 7: 00 – 8:00 | 2-3 रोटियां, + 1 कटोरी हरी सब्जियां,+ 1 कटोरी दाल |
सोते समय | 1 गिलास दूध +अश्वगंधा चूर्ण |
लकवा के मरीज क्या खाएं | Your Diet During Paralysis in Hindi
- अनाज: गेहूं, जौ, बाजरा
- दालें: मूंग दाल, कुलथ
- फल: सेब, अनार, अंगूर, पपीता, संतरा, चेरी, तरबूज, अंजीर, आम, सीताफल, सेब, नाशपाती आदि।
- सब्जी: हरी सब्जी, पत्ता गोभी, ब्रोकोली, परवल, लौकी, तुरई, करेला, प्याज, बथुआ मेथी, हल्दी।
- अन्य: एरण्ड तैल, हींग, अजवाइन, तिल, घी, तैल, दूध, नारियल पानी, ग्रीन टी, जैतून का तेल, बादाम, अदरक, लहसुन, अलसी के बीज
लकवा के मरीज क्या ना खाएं | Food to Avoid in Paralysis in Acne
- अनाज: नया अनाज, मैदा
- दालें: अरहर, मटर, चना
- फल: जामुन, केला
- सब्जी: आलू, टमाटर, नींबू, जामुन, भिंडी, फूलगोभी, भिंडी, कद्दू, मटर, अरबी।
- सख्त मना- तैलीय मासलेदार, मांसाहार, भारी एवं कठिनाई से पचने वाला भोजन (छोले, राजमा, उड़द चना मटर सोयाबीन, बैंगन, कटहल), अत्यधिक नमक, ठंडा, आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक्स, चाय-काफी, अचार, इमली, खटाई, बेकरी उत्पाद, फ़ास्ट फ़ूड, डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ।
लवा के इलाज के दौरान ध्यान रखने वाली बातें | Points to be Remember in Paralysis in Hindi
- देर रात तक न जागें।
- सूर्यादय से पहलें उठें (5:30 – 6:30 am)
- ठंडा पानी न पिएं, ठंडी वायु में न रहें।
- वेग (मल-मूत्र, छिक, डकार आदि) न रोकें।
- मन में चिंता, भय, क्रोध, मानसिक तनाव उत्पन्न करने वाले विचार न लाएं
- सादा, सुपाच्य पौष्टिक आहार खाएं।
- भारी, गरिष्ठ, तेल घी में तली-भुनी मिर्च मसालेदार चीजें भोजन में न लें
- चाय, कॉफी, तंबाकू, नशीले व उत्तेजक पदार्थों से परहेज करें।
- ठंडी चीजें, आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक्स से परहेज करें
- भोजन धीरे धीरे शांत स्थान मे शांतिपूर्वक, सकारात्मक एवं खुश मन से करें।
- भोजन को अच्छी प्रकार से चबाकर एवं धीरे–धीरे खाएं।
- भोजन लेने के बाद थोड़ा टहलें और रात में सही समय पर नींद लें (9- 10 PM)।
- लकवा पीड़ित फिजियोथेरापिस्ट की सलाह से एक्सरसाइज नियमित करें।
- हाथ-पैर धोने और नहलाने के लिए गर्म जल का प्रयोग करें।