Night Terror: नाईट टेरर के कारण, लक्षण और उपचार

हर बच्‍चे को कभी न कभी बुरा सपना जरूर आता है। लेकिन नाईट टेरर की समस्‍या इससे अलग है। इस दौरान बच्चा बिस्‍तर से उठकर अचानक बैठ सकता है चिल्ला सकता है, रो सकता है या कुछ मामलों में हिंसक कार्रवाई भी कर सकता है

sleeping child

नाइट टेरर को स्लीप टेरर भी कहते हैं। आमतौर पर सोने के बाद 2 से 3 घंटों में बच्चे इसका अनुभव करते हैं। यह समस्या 3 से 12 वर्ष के बच्चों में अधिक देखी जाती है। लेकिन 18 महीने के शिशु को भी यह परेशानी हो सकती है।

हालांकि, राहत की बात यह है कि नाइट टेरर की समस्या बच्चे के लिए खतरनाक नहीं होती। क्योंकि, सुबह उठने के बाद बच्चे को कुछ भी याद नहीं रहता।

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रात में बच्चे का डरना | What is Night Terror

नाइट टेरर आमतौर पर नींद के शुरुआती घंटों में होते हैं। नाइट टेरर के दौरान बच्चे की हार्ट बीट और सांसें तेज़ हो जाती है। उसे तेज़ पसीना आता है उसकी पुतलियां उलट-पलट करती हैं। बच्चे के मुख पर भय की छाया आई हुई होती है। बच्चा डर के मारे बिस्‍तर से उठकर अचानक बैठ सकता है चिल्ला सकता है, रो सकता है या कुछ मामलों में हिंसक कार्रवाई भी कर सकता है, जैसे कि उसके हाथों और पैरों को जोर से मारना।

यह सारी समस्याएं केवल कुछ मिनटों के लिए रहती हैं, लेकिन नाइट टेरर की वजह से उठने के बाद बच्चे को कम से आधा घंटे तक सोने में परेशानी हो सकती है। अक्सर बच्‍चा गहरी नींद में होता है इसलिए सुबह उठकर उसे कुछ याद ही नहीं रहता।

क्यों होता है नाइट टेरर | Why does night terror happen?

नींद के दौरान सेंट्रल नर्वस सिस्‍टम के अति उत्तेजित होने की वजह से नाइट टेरर होता है। सामान्यतः बच्‍चे के सोने के लगभग दो या तीन घंटे के बाद नाइट टेरर होता है।

दरअसल, नींद के कई स्‍टेज होते हैं जिनमें रैपिड आई मूवमेंट के दौरान हम सपने देखते हैं। रैपिड आई मूवमेंट में बहुत गहरी नींद आने पर नाइट टेरर होता है। इसमें इंसान नींद के एक स्‍टेज से दूसरे स्‍टेज में चला जाता है।

नाइट टेरर के कारण | Night Tarror Causes

यहां बच्‍चों में नाइट टेरर या रात को नींद में डर के कुछ सामान्य कारण दिए गए हैं:

  • तनाव या थकान होने पर।
  • नींद पूरी न होने पर।
  • दवाई या अधिक कैफीन लेने से।
  • घर से दूर या नई जगह सोने पर।
  • डरावने दृश्य देखने या सुनने से।
  • बच्चे को तंग वस्त्र पहनाने से या छाती पर हाथ रख कर सोने से।
  • जिन परिवारों में नाइट टेरर की हिस्‍ट्री हो, वहां पैदा होने वाले बच्‍चे भी इससे ग्रस्‍त हो सकते हैं।

नाइट टेरर से परेशान बच्चे की ऐसे करें मदद | How To Treat Your Child’s Night Terrors

आपके लिए नाइट टेरर के अनुभव को रोकना संभव नहीं है। यह समस्या स्वतः उम्र बढ़ने के साथ ठीक हो जाती है। इसलिए आपको धैर्य से काम लेना है। जब आपका बच्चा नाइट टेरर की परेशानी महसूस करे तो, उसे नींद से ना उठाएं। क्योंकि, जागने के बाद हो सकता है कि वे उलझन में पड़ जाएं और उन्हें दोबारा सोने में परेशानी हो।

बच्चे के डरने और चिल्लाने के समय बच्चे पर क्रोध करना या धमकाना उचित नहीं है। किन्तु उसे प्रेम पूर्वक सांत्वना देना और समझाना चाहिए। क्योंकि उस समय बालक पूर्ण जागृत अवस्था में नहीं होता। ऐसे समय में बालक को सुपाच्य भोजन ही देना चाहिए।

नाईट टेरर का उपाय | Night Terror Remadies Remedies & Treatment in Hindi

पेरेंट्स के लिए बच्‍चे में नाइट टेरर होना काफी परेशान करने वाली बात है। हालांकि नाईट टेरर शिशु के लिए खतरनाक नही होते। बच्चे कुछ मिनट बाद ही अपने आप ठीक हो जाते हैं और वापस सो जाते हैं। यहां नाइट टेरर से  निपटने के लिए माता-पिता के लिए कुछ टिप्स हैं:

  • सोने से पहले बच्चे को पेशाब करवाएं।
  • सोने की दिनचर्या बनाने का प्रयास करें।
  • बच्‍चे का स्‍ट्रेस कम करने की कोशिश करें।
  • बच्चे के सोने वाले कमरे की रोशनी कम और पर्यावरण शांत रखें।
  • बच्‍चे के लिए आसान और रिलैक्‍स करने वाला बेडटाइम रूटीन बनाएं।
  • बच्‍चे को ज्‍यादा थकान न होने दें और रात को देर तक जागने भी न दें।
  • ज्यादातर मामलों में, बच्चे नाइट टेरर का अनुभव करने के तुरंत बाद सो जाते हैं। अगर ऐसा नहीं होता है, तो बच्चे को सुलाने की कोशिश करें।
  • आप जानते हैं कि बचा डर गया है। ऐसे में आप बच्चे को गले लगाकर उसके सिर को सहलाएं, इससे वह सुरक्षित महसूस करेगा।
  • बालक को रात में अधिक भोजन न दें और न सोते हुए को भोजन के लिए जगाना चाहिए। सोने का कमरा खुला हुआ और हवादार होना चाहिए।