Night Blindness: रतौंधी के लक्षण, कारण और उपचार

Night blindness: रतौंधी, नजर या दृष्टि से जुड़ी एक समस्या है। आइए जानते हैं रतौंधी रोग क्या है, रतौंधी रोग का कारण और इसका उपचार कैसे किया जाता है।

Night Blindness

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रतौंधी क्या है? | What is Night Blindness?

रतौंधी (Night blindness) आंखों की एक सामान्य बीमारी है। इसे निक्टालोपिया (Nyctalopia) नाम से भी जाना जाता हैं। रतौंधी से ग्रसित व्यक्ति को दिन में तो पूरी तरह दिखाई देता है, लेकिन रात के वक्त वह नजदीक की चीजें भी ठीक से नहीं देख पाता।

रतौंधी रोग के लक्षण | Night Blindness Cases in Hindi

रतौंधी होने पर रात के समय और सूरज ढलते ही रोगी को दूर की चीजें धुंधली दिखाई देने लगती हैं। इस रोग की चिकित्सा से अधिक विलम्ब किया जाए तो रोगी को पास की चीजें भी बिल्कुल दिखाई नहीं देतीं। रोगी तेज रोशनी में ही थोडा़-बहुत देख पाता है।

आम तौर पर यह रोग बरसात के अन्त में हुआ करता है और कुछ रोगी इससे छह-छह महीने तक ग्रस्त रहते हैं। यदि छह महीने के बाद भी यह रोग दूर न हो तो फिर इसका उपचार कठिन हो जाता है।

रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) के कारण क्या है ? | What are the Causes of Night blindness in Hindi

रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) अनेको कारण से हो सकता है। सामान्य रतौंधी का महत्वपूर्ण कारण रेटिनॉल (Retinol) या विटामिन A की कमी होती है।

  • रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा (Retinitis pigmentosa): रेटिनाइट पिगमेंटोसा एक ऐसी स्तिथि होती है। जिसमें रेटिना में मौजूद रॉड कोशिकाएं धीरे-धीरे प्रकाश की ओर प्रतिक्रिया देने की अपनी क्षमता खो देती हैं। जिसमे देखने की शक्ति बहुत कम हो जाती है।
  • विटामिन -A की कमी: शरीर में विटामिन-A की कमी होने से आंखो में कमजोरी हो जाती है। इससे आंखो में रतौंधी हो जाती है।
  • मोतियाबिंद: मोतियांबिंद होने के कारण भी रतौंधी की समस्या हो जाती है।
  • निकट दृष्टि दोष: निकट दृष्टि दोष की समस्या होने कारण भी रतौंधी की समस्या होने लगती है।

इसके अलावा कुछ अन्य कारण भी हो सकते है जैसे- मलेरिया बुखार, आहार में कमी, अधिक उम्र, अनुवांशिकता इत्यादि। जन्मजात रतौंधी में रॉड कोशिकाएं या तो बिल्कुल भी काम नहीं करती हैं या बहुत कम काम करती हैं। 

रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) का इलाज क्या है ? | What are the Treatments for Night blindness in Hindi

  • उपचार में विशिष्ट प्रकार के चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस पहनना शामिल हो सकता है।
  • जब कारण विटामिन ए की कमी है, तो आहार में अधिक विटामिन ए को शामिल करनाचाहिए। विटामिन- A के अच्छे स्रोत- अंडे, दृढ़ अनाज, नारंगी और पीले रंग की सब्जियां और फल, पत्तेदार हरी सब्जियां आदि हैं।
  • गंभीर मामलों में नेत्र शल्य चिकित्सा आवश्यक हो सकती है।
  • कुछ मामलों में, रतौंधी का इलाज संभव नहीं है, हालांकि कुछ नेत्र उपकरणों और चिकित्सा द्वारा जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।

रतौंधी (नाईट ब्लाइंडनेस) से बचाव कैसे करें ? | Prevention of Night Blindness in Hindi

किशोर व नवयुवकों को रतौंधी से सुरक्षित रखने के लिए उन्हें भोजन में गाजर, मूली, खीरा, पालक, मेथी, बथुआ, पपीता, आम, सेब, हरा धनिया, पोदीना व पत्ता गोभी का सेवन कराना चाहिए। रतौंधी से बचाव के लिए निम्न उपाय कर सकते है-

  • विटामिन A युक्त आहार का सेवन करें।
  • रोगी को तेज़ धूप से आंखों को बचाकर रखना चाहिए।
  • सब्जियों में शिमला मिर्च, पालक, खरभुजा, पीले-हरे फल का सेवन अधिक करे।
  • आंखो में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर नेत्र विशेषयज्ञ से संपर्क करें।

रतौंधी में क्या करें क्या न करें ? | Do and don’ts during Night Blindness

  • प्रतिदिन टमाटर खाने व रस पिए।
  • हरे पत्ते वाले साग पालक, मेथी, बथुआ, चौलाई आदि की सब्जी का सेवन करें।
  • अश्वगंध चूर्ण 3 ग्राम, आंवले का रस 10 ग्राम और मुलहठी का चूर्ण 3 ग्राम मिलाकर जल के साथ सेवन करें।
  • मीठे पके हुए आम खाने से विटामिन ‘A’ की कमी पूरी होती हैं।
  • सूर्योदय से पहले किसी पार्क में जाकर नंगे पांव घास पर टहलें।
  • मिर्च-मसाले व अम्लीय रसों से बने खाद्य पदार्थो, खटाई, अचार, फास्ट फूड का सेवन न करें।
  • अधिक समय तक टेलीविजन न देखा करें।
  • रतौंधी के रोगी को धूल-मिट्टी और वाहनों के धुएं से सुरक्षित रहना चाहिए।
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