मुलेठी (Liquorice)
मुलेठी (Mulethi) एक झाड़ीनुमा पौधा होता है। आमतौर पर इसी पौधे के तने को छाल सहित सुखाकर बाजार में मुलेठी नाम से बेचा जाता है। यह स्वाद में मीठा और सुगंधित होता है। सामान्यतः मुलेठी का प्रयोग कफ, खांसी और सर्दी के लिए एक उपाय के रूप में किया जाता है। लेकिन मुलेठी के अन्य भी औषधीय गुण होते होते है, जिसे हम आजके लेख में जानेंगे..
मुलेठी का विभिन्न भाषाओं में नाम (Mulethi Called in Different Languages)
वैज्ञानिक नाम | Licorice |
अंग्रेज़ी | स्वीटवुड (Sweetwood), कॉमन लिकोरिस (Common licorice) |
संस्कृत | यष्टीमधु, यष्टीमधुक, मधुयष्टि, जलयष्टि, क्लीतिका, मधुक, स्थल्यष्टी |
हिंदी | मुलहठी, मलेटी, मुलेठी, मीठी लकड़ी, जेठीमधु |
गुजराती | जेठीमध (Jethimadha) |
मराठी | जेष्टिमधु (Jeshtimadhu), जेष्टमध (Jeshtimadha) |
बंगाली | यष्टिमधु (Yashtimadhu), जष्ठीमधु (Jashtimadhu) |
कन्नड़ | जेष्टमधु (Jeshthmadhu), यष्टिमहुकम (Yashtimahukam) |
तमिल | अतिमधुरम (Atimadhuram), आदिमधुरम (Adimaduram) |
तेलगु | यष्टिमधुकम (Yashtimadhukam), अतिमधुरम (Atimadhuram) |
नेपाली | जेठी मधु (Jethi madhu) |
मलयालम | मलहठी (Malhathi), अतिमधुरम (Atimadhuram) |
मुलेठी का विभन्न रोगों में प्रयोग (Use of Mulethi / Sweetwood in various diseases in Hindi)
शक्तिवर्धक: रोज 5-6 ग्राम मुलेठी चूर्ण, 30 मि.ली. दूध के साथ पीने से शरीर में ताकत आती है। मुलेठी कैल्शियम, ग्लिसराइजिक एसिड, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटीबायोटिक, प्रोटीन और वसा के गुणों से भरपूर होती है.
दुग्धवर्धन हेतु: जो स्त्री मुलैठी एवं मिश्री का चूर्ण ग्रहण कर ऊपर से गाय का दूध पीती है उसके स्तनों में दूध बहुत ज्यादा बढ़ता है।
अनिंद्रा: 100 ग्राम गरम दूध में 5 ग्राम मुलैठी की जड़ का पाउडर 30 दिन तक प्रतिदिन सोने से पहले खाने से अनिद्रा में लाभ मिलता है। और पढ़ें: अनिंद्र के कारण और उपचार
अवसाद: 100 ग्राम पानी में 3 – ग्राम मुलैठी की जड़ का पाउडर चाय की तरह उबाल कर लें। यह चाय प्रतिदिन 2-3 बार पीने से अस्थमा में लाभ प्रदान करती है। मुलेठी की जड़ की चाय अवसाद के उपचार में भी लाभप्रद है।
रुखी त्वचा: मुलेठी की जड़ के पाउडर में नारियल तेल, बादाम तेल एवं दूध मिलाकर मिश्रण बनाएँ। इसका लेप चेहरे पर लगाएं एवं सूखने दें। इसके बाद इस लेप को सादे पानी से धो डालें यह शुष्क त्वचा वाले व्यक्तियों की चमड़ी को नमी प्रदान करने में सहायक है।
पाचन तंत्र के रोग: 5 ग्राम मुलेठी 100 मि०ली० दूध में उबालकर 50 मि०ली० तक कर लें । यह दूध प्रतिदिन दोबार लेने से पाचन तंत्र के अल्सर संबंधी बीमारी, जठरशोथ में आराम से मिलता हैं।
गुरु ग्रह की पीड़ा: ज्योतिष अनुसार जो व्यक्ति गुरुवार के दिन सफेद सरसों, दमयन्ती के पत्र, मालती के पुष्प तथा मुलैठी मिले जल से स्नान करता है, उसके ऊपर से गुरु ग्रह का कुप्रभाव समाप्त होता है।