Obesity Causes: कहीं आपकी दवाएँ तो नहीं बढ़ा रहीं वजन ?
Obesity Causes: आजकल बढ़ते वजन (ओबेसिटी) की वजह से ज्यादातर लोग परेशान हैं। मोटापे को आमतौर पर खानपान की गलत आदतों से जोड़ कर देखा जाता है। लेकिन क्या आप जानते है कुछ दवाओं के नियमित सेवन की वजह से भी वजन बढ़ सकता है।
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दवाएं भी बढ़ा सकती हैं वजन (Medications can also increase weight in Hindi)
आपने अपने आसपास कुछ ऐसे लोगों को देखा होगा, जो लंबी बीमारी के इलाज के बाद अचानक मोटे हो जाते हैं। ऐसे में अक्सर लोग सोचते है कि बीमारी के बाद ज्य़ादा आराम करने या पौष्टिक खानपान की वजह से वजन बढ़ गया होगा।
लेकिन ऐसा जरूरी नही है कि कई बार उपचार के दौरान दी जाने वाली दवाओं की वजह से भी वजन बढ़ने लगता है। यहां हम कुछ ऐसी ही दवाओं की बात कर रहे हैं, जो वजन बढाने के लिए खासतौर तौर पर जिम्मेदार मानी जाती हैं।
स्टेरॉयड (Steroid)
एस्थमा और आर्थराइटिस जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए स्टेरॉयड ग्रुप की दवाओं का सेवन जरूरी हो जाता है। लेकीन स्टेरॉयड दवाओं का लंबे समय तक सेवन करने से वजन बढ़ने का खतरा रहता है।
दरअसल, इन दवाओं के सेवन से व्यक्ति का पैंक्रियाज कुछ ऐसे हॉर्मोंस का सिक्रीशन तेजी से करता है, जो भूख बढाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। ये दवाएं रक्त में ग्लूकोज लेवल बढाकर शरीर के मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया को भी प्रभावित करती हैं, इससे न सिर्फ वजन बढता है, बल्कि इसके लगातार सेवन से डायबिटीज की भी आशंका बढ जाती है।
मल्टीविटामिन्स (Multi-vitamins)
कई लोग मनमर्ज़ी से मल्टीविटामिन की गोलियों का सेवन करते हैं। जो कि बिल्कुल गलत है। डॉक्टर की उचित सलाह के बिना इन दवाओं के सेवन न सिर्फ वजन बढ़ा सकता है, बल्कि शरीर में कई अन्य तरह के विकार भी पैदा हो सकते है।
दरअसल, ये दवाएँ शरीर में मेटाबॉलिज्म को अधिक सक्रिय कर देते हैं। इसका असर लोगों की भूख पर पड़ता है और वे ज्यादा खाने लगते हैं। फलस्वरूप उनका वजन बढ़ने लगता है।
गर्भ निरोधक गोलियाँ (Contraceptive pills i)
गर्भ-निरोधक गोलियाँ भी वजन बढ़ा सकती है पर यह जरूरी नहीं कि सभी गर्भनिरोधक दवाओं के साथ ऐसा हो। दरसअल, कई गर्भनिरोधक गोलियां एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन से बनती हैं। एस्ट्रोजन की अधिक मात्रा से जल अवरोधन या वॉटर रिटेंशन (water retention) जैसे परिणाम दिखायी दे सकते है। इसे ही मोटापे के तौर पर जाना जाता है।
आधुनिक गोलियों में कम हार्मोन्स होते हैं जिनसे महिलाओं को साउड-इफेक्ट्स नहीं दिखते। लेकिन जिन महिलाओं में मोटापे के कारण के मेटाबॉलिज़्म में बदलाव आ गया है उन्हें इन गोलियों के साइड-इफेक्ट्स होने की अधिक आशंका रहती है। इसीलिए गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन डॉक्टर की सलाह से करना चाहिए।
मानसिक रोग की दवा (Mental disorder Medicine)
कुछ एंटीडिप्रेशन की दवाएँ लंबे समय तक लेने से भी वजन बढ़ सकता है। दरअसल इन दवाओं की वजह से मस्तिष्क के उस हिस्से की कार्यप्रणाली बिगड जाती है, जो भूख को नियंत्रित करती है। इसलिए ऐसी दवाओं के नियमित सेवन से व्यक्ति को ज्य़ादा भूख लग सकती है।
मनोरोगी कई बार हिंसक होने लगता है। ऐसे में मरीज के व्यवहार को नियंत्रित करने के लिए एंटीसाइकोटिक दवा दी जाती है। इन दवाओं में कुछ ऐसे केमिकल्स होते हैं, जो शरीर और ब्रेन को तनाव मुक्त कर देते हैं। इससे इन दवाओं का सेवन करने वाले व्यक्ति को ज्यादा नींद आती है और उनका वजन बढ़ने लगता है।
हाई ब्लडप्रेशर की दवाएं (Hypertension medications)
हाई ब्लड प्रेशर एक गंभीर समस्या है, जो आगे चल कर हृदय रोग का भी कारण बन सकती है। इस समस्या से बचाव के लिए जिन दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है वे दवाएं कैलोरीज बर्न करने की प्रक्रिया धीमी करने के साथ शरीर में वॉटर रिटेंशन की समस्या भी बढा देती हैं।
माइग्रेन पिल्स (Migraine Pills)
माइग्रेन का दर्द दूर करने वाली दवाओं की वजह से भी लोगों का वजन बढऩे की आशंका रहती है। ऐसी दवाएं टेस्ट बड्स को सक्रिय कर देती हैं, जिससे व्यक्ति को बार-बार खाने की इच्छा होती है।
डायबिटीज (Diabetes Medicine)
इंसुलिन भी व्यक्ति का वजन बढा सकता है।डायबिटीज के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं भी वजन बढा सकती हैं। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को संतुलित खानपान के साथ नियमित एक्सरसाइज भी करनी चाहिए, ताकि उन्हें ओबेसिटी की समस्या न हो।
कैसे करें बचाव? (How To Prevent Obesity in Hindi)
अगर आपको लगता है कि ये दवाएं लेने से आपका वजन बढ़ने लगा है तो अपने डॉक्टर को इसकी जानकारी दें लेकिन कभी खुद से दवाएं लेना बंद ना करें।
बिना डॉ के सलाह के दवाई न ले- बिना डॉ की सलाह के दवाई का सेवन न करें। अगर आपको ऐसा लगता है कि किसी खास दवा के सेवन से आपका वजन बढ रहा है तो अपने डॉक्टर को बताएं। वह दवा बदल सकते है अथवा दवा की डोज को कम कर सकते हैं, ताकि वजन बढऩे की प्रक्रिया धीमी हो जाए।
बीमारी का इलाज पहली प्राथमिकता- कई बार मरीजों को कुछ लाइफ सेविंग ड्रग्स दी जाती हैं। ऐसी दवाओं की वजह से अगर व्यक्ति का वजन बढ भी रहा हो तो भी जीवन बचाने के लिए उनका सेवन जरूरी हो जाता है। यह बात हमेशा याद रखें कि बीमारी का इलाज आपकी पहली प्राथमिकता है क्योंकि बढते वजन को बाद में भी नियंत्रित किया जा सकता है।
कब ले डाइटीशियन की सलाह ले– अगर आपका वजन अधिक अनियंत्रित हो जाता है तो ऐसी स्थिति में डाइटीशियन से भी सलाह लेनी चाहिए। सही और स्वस्थ खानपान अपना कर भी बढते वजन को नियंत्रित किया जा सकता है।
नियमित कसरत करें- ऐसे मरीजों को नियमित डॉक्टर की सलाह से व्यायाम करते रहना चाहिए। कसरत के जरिए भी आप अपना वजन नियंत्रित रख सकते है।
वेट मशीन पर रखें निगाह– जब आप कोई नई दवा खाना शुरू करते हैं या किसी दवा का सेवन बंद कर देते हैं तो उस समय अपने वजन पर ध्यान रखें। क्योंकि असामान्य रूप से वजन का बढ़ना या घटना दोनों ही किसी गंभीर बीमारी का संकेत देते हैं।
अगर इन छोटी-छोटी बातों के प्रति सतर्कता बरती जाए तो दवाओं की वजह से होने वाली आबेसिटी से बचाव संभव है।