लोलासन (Pendant Pose)
लोलासन, ‘लोल और आसान’ से मिलकर बना है लोल का अर्थ “कंपायमान, हिलता हुआ या चंचल है।” इसे अंग्रेज़ी में Pendant Pose कहते हैं।
यह तुलासन या झूलासन के जैसा ही है। अंतर इतना है कि तुलासन में पैर के ऊपर पैर रखकर पद्मासन-अवस्था जैसा होता है परंतु लोलासन में पैरों को नितम्ब के नीचे रखना है।
लोलासन (Pendant Pose)
नाम | लोलासन |
अंग्रेज़ी | Pendant Pose |
योग प्रकार | आसान |
जटिलता | कठिन |
प्रभावित अंग | पीठ, कलाई, टाँग |
सावधानी | कमजोर कलाई, रोगी, और गर्भवती इस योग को न करें। |
लोलासन कैसे करते है (How to do Lola Asana)
Step 1: सर्वप्रथम सामने पैर फैलाकर बैठ जाएँ। दोनों हाथों की हथेलियों को कमर के अगल-बगल रखें।
Step 2: आसन से उठते हुए दाहिने घुटने को पीछे की तरफ़ मोड़ें एवं तलवे को बाएँ नितंब के नीचे रखें। उस पर बैठ जाएँ।
Step 3: अब बाएँ घुटने को मोड़ते हुए पुनः आसन से उठते हुए दाहिने नितंब के नीचे बाएँ तलवे को रखें और उस पर बैठ जाएँ।
Step 4: श्वास लें एवं हाथों के बल पूरे शरीर को साधते हुए ज़मीन से ऊपर उठाएँ।
Step 5: हाथों पर संतुलन बनाते हुए धीरे-धीरे पूरे शरीर को आगे-पीछे हिलाएँ।
Step 6: झूलते समय श्वास रोककर रखें एवं मूल अवस्था में आकर श्वास छोड़ दें। जब तक संभव हो संतुलन बनाकर रखें।
लोलासन से लाभ (Benefits of Pendant Pose)
- संतुलित शक्ति को बेहतर करता है।
- संपूर्ण हाथों को पुष्ट बनाता है।
- उदर के अवयवों को लाभ मिलता है।
- पीठ और पैरों की माँसपेशियों को पुष्ट और लचीला बनाता है।