Men’s Health Risk: पुरुषों को होने वाली आम स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं
आमतौर पर पुरुष अपनी सेहत को अनदेखा करते रहते हैं, उन्हें लगता है। उनकी बॉडी के साथ सबकुछ ठीक है। लेकिन शरीर की बाहरी फिटनेस और अंदरूनी हेल्थ में अंतर होता है। कुछ तकलीफें ऐसी होती हैं, जो दबे पांव आती हैं। यहां पुरषों से जुड़ी आम स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं के बारे में बात की जा रही है जिनके बारे में आपको जरूर पता होना चाहिए-
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प्रोस्टेट कैंसर | Prostate Cancer
जैसे महिलाओं में सबसे अधिक ब्रेस्ट कैंसर के केस देखने को मिलते हैं, वैसे ही पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) का खतरा होता है।
पुरुषों को प्रोस्टेट कैंसर होने का ख़तरा बहुत ज्यादा होता है। यह आमतौर पर 50 वर्ष से अधिक आयुवाले पुरुषों को होता है, लेकिन हाल ही में ऐसे बहुत से मामले सामने आए हैं, जिनमें 35 वर्ष की आयु वाले पुरुष भी प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित पाए गए हैं।
प्रोस्टेट कैंसर से कैसे बचें- जो लोग व्यायाम नहीं करते, उन्हें प्रोस्टेट कैंसर होने का ख़तरा अधिक होता है।
- ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें।
- खाने में डेयरी व सोया प्रॉडक्ट्स शामिल करें।
- कम वसा युक्त खाद्य पदार्थ ग्रहण करें।
- कम से कम फास्ट फूड खाएं।
कब कराएं चेकअप: प्रोस्टेट की जांच के लिए हर वर्ष ऐंटीजेन ब्लड टेस्ट व 35 वर्ष की उम्र के बाद डिजिटल रेक्टल (मलद्वार के पास का हिस्सा) जांच करवाएं।
किडनी इन्फेक्शन | Kidney Infection
जिन लोगों को डायबिटीज या हाइपरटेंशन है, उनमें किडनी फेल होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इसके अलावा जो लोग पेनकिलर दवाइयों का अधिक सेवन करते हैं। उन्हें भी किडनी की समस्या हो सकती है।
यह दबे पांव शरीर पर हमला करती है। इसलिए इसे साइलेंट किलर भी कहते है। अधिकांश मामलों में मरीज को जब पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। ऐसे में डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट के अलावा कोई विकल्प नहीं रहता है। किडनी इन्फेक्शन के लक्षण निम्न है-
- भूख कम लगना स्वाद बदल जाना।
- आंखों के आसपास सूजन आना।
- किडनी वाली जगह पर दर्द महसूस होना।
- सुबह सुबह मिचली और उल्टी आने का अहसास।
- किडनी में परेशानी होने पर कमजोरी आना सामान्य लक्षण है।
- शुरुआती संकेतों में टखनों, पैरों और एड़ी के पास सूजन दिखाई दे सकता है।
- यूरिन की मात्रा कम-ज्यादा होना, यूरिन के दौरान जलन होना या दर्द होना।
कब कराएं चेकअप: 35 वर्ष की उम्र के बाद किडनी की कार्यप्रणाली व ऐल्ब्युमिन ( एक प्रकार का प्रोटीन) की जांच के लिए युरिन टेस्ट करवाएं। नियमित रूप से ब्लड प्रेशर चेक करवाएं।
किडनी इन्फेक्शन से बचने का तरीका–
- प्रयाप्त पानी पिएं।
- फल, सब्ज़ियां, दाल व फलियां ग्रहण करें।
- नमक और शक्कर का सेवन कम से कम करें।
- मीठे पेय पदार्थों से परहेज करें।
- व्यायाम करके अतिरिक्त चर्बी घटाएं।
- समय-समय पर कोलेस्ट्रॉल लेवल चेक करवाते रहें।
लिवर की बीमारी | Liver Disease
लिवर पेट के दाई ओर रिब के मध्य में स्तिथ होता है। लिवर भोजन के पाचन क्रिया में मदद करता है साथ ही भोजन के अपशिष्ट पदार्थ को बाहर निकालता है। लिवर की बीमारी एक ऐसी दशा है, जिसमे लिवर की कोशिकाओं की बनावट व उसके कार्यप्रणाली प्रभावित हो जाती है।
यह किसी वायरल, बैक्टीरियल संक्रमण अथवा भोजन में पौष्टिक तत्वों की कमी, कुपोषण, अल्कोहल और लंबे समय तक डग्स लेने के कारण भी हो सकता। लिवर से जुड़ी कुछ प्रमुख समास्या निम्न है-
- हेपेटाइटिस – हेपेटाइटिस एक घातक बीमारी है जो लिवर को क्षति पहुँचाती है। यह खासतौर पर संक्रमण के कारण होता है। यदि सही समय पर इलाज नहीं होता है तो समस्या अधिक घातक हो जाती है।
- फैटी लिवर– फैटी लिवर रोग मे लिवर में पर्याप्त मात्रा में फैट व वसा टिश्यू जमा हो जाते है।
- लिवर में सूजन आना– अत्यधिक तैलीय व जंकफूड का सेवन करने से लिवर में सूजन की समस्या होने लगती है।
- लिवर खराब होना – इस दशा में लिवर अपना कार्य ठीक से नहीं करता है। अक्सर लिवर उन लोगो का खराब होता है जो शराब का सेवन अधिक करते है।
- लिवर सिरोसिस – यदि लिवर कोशिकाएं समाप्त हो जाती है तो फाइबर कोशिका में उत्पन्न हो जाते है और लिवर सिरोसिस की समस्या उत्पन्न करते है।
- लिवर कैंसर – यदि लिवर में कैंसर टिश्यू का निर्माण होता है इसे लिवर कैंसर कहा जाता है। लिवर कैंसर अनेक प्रकार से हो सकता है।
लिवर रोग कई प्रकार होते है इसलिए इनके संकेत व लक्षण अलग अलग हो सकते है। लिवर की समस्या होने पर कुछ प्रधान लक्षण निम्न है-
- कमजोरी महसूस करना।
- आंखे पिली होना।
- थकान महसूस करना।
- पेट में दर्द होना।
- त्वचा खुजली होना।
- उल्टी व मलती आना।
- त्वचा का सफ़ेद होना।
इससे बचने का तरीका– ताजे फल व सब्जियां खाएं। नियमित रूप से व्यायाम करें। अल्कोहल का सेवन न करें।
कब कराएं चेकअप: 30 वर्ष की आयु के बाद शरीर में प्रोटीन व ब्लड सीरम के स्तर की जांच के लिए हर वर्ष लिवर फंक्शन टेस्ट करवाएं।
हाई कॉलेस्ट्रॉल | High Cholesterol
हाई कॉलेस्ट्रॉल में किसी प्रकार का लक्षण या दर्द नहीं दिखाता है। इसलिए ज़्यादातर पुरुष को पता ही नहीं चलता है कि उनका कॉलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है। हाई कॉलेस्ट्रॉल, हृदय की धमनियों में अवरुद्धता और दिल की बीमारी का प्रमुख कारण है। यह हृदय को रक्त व मस्तिष्क को ऑक्सीजन पहुंचाने वाली धमनियों को अवरुद्ध कर देता है, जिससे स्ट्रोक का ख़तरा बढ़ जाता है।
कब कराएं चेकअप: 30 वर्ष की आयु के बाद एलडीएल, एचडीएल और ट्राइग्लिसेराइड्स की जांच के लिए हर वर्ष ब्लड चेकअप करवाएं।
इससे बचने का तरीकाः
- कॉलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रखने के लिए नियमित व्यायाम करें।
- मिट, एल्कोहोल, अंडा, चीज़ व तले-भुने खाद्य पदार्थों से परहेज करें।
- हाई फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ व निम्न फैट युक्त डेयरी प्रॉडक्ट्स खाएं।
हाइपरटेंशन | Hypertension
उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन पिछले कुछ वर्षों में एक महामारी बन गया है। जिन लोगों का रक्तचाप 140/90 से ऊपर है, उन्हें हाई बीपी माना जाता है।
हाई बीपी में कोई लक्षण नहीं होता है, जिसकी वजह से सही समय पर इसका पता नहीं चल पाता। इसलिए इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। हाइपरटेंशन से पीड़ित लोगों को हृदय और गुर्दे की बीमारी होने का ख़तरा ज्यादा होता है।
हाइपरटेंशन के कारण- तनाव, असंतुलित आहार, धूम्रपान, मोटापा, व्यायाम की कमी और अनुवांशिक कारणों से हाई बीपी की समस्या हो सकती है।
इरिटेबल मेन्स सिंड्रोम | Irritable Male Syndrome
इरिटेबल मेन्स सिंड्रोम (Irritable Male Syndrome) या IMS एक ऐसी समस्या है, जिसके कारण पुरुषों का मूड खराब होता है, वे उदासी और अकेलापन महसूस करते हैं। कई बार चिड़चिड़े हो जाते हैं। IMS को हाइपर सेंसिटिविटी की तरह समझा जा सकता है। ये बायोकैमिकल चेंजेज के कारण होता है। इसकी मुख्य वजह मेल हॉर्मोन टेस्टोस्टेरोन होता है।
आप क्या करें? अगर आपको लगता है कि आपके पति, बॉयफ्रेंड, फ्रेंड का मूड लगातार गड़बड़ बना हुआ है तो उन्हें टीज़ करने की जगह उनसे बात करें और उन्हें समझने की कोशिश करें। आपको किसी मेडिकल सलाह लेने की भी जरूरत पड़ सकती है।
गंजापन | Baldness
गंजापन पुरुषों में होने वाली एक सबसे आम समस्या है। अगर ऐसा कम उम्र में होने लगे तो व्यक्ति का मनोबल टूट जाता है। नवयुवकों द्वार रूखे बालों में जबर्दस्ती कंघी या बार-बार शैंपू करना गंजेपन का प्रमुख कारण होता है।
इसके अलावा पोषक तत्वों से भरपूर डाइट की बजाय जंक फूड्स का सेवन भी बालों की सेहत के लिए सही नहीं होता।