Improve Eyesight: आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए घरेलू उपाय
आज अगर अपने आसपास देखें, तो पाएंगे कि छोटे-छोटे बच्चे भी चश्मा लगाये हुए हैं। बच्चों की लाइफ में भी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और उपकरणों का इस्तेमाल बहुत बढ़ गया है जिसका सीधा असर उनकी आंखों पर पड़ रहा है।
अगर आपका बच्चा अपनी पलकों को बहुत ज्यादा झपकाता है या आंखों को हर समय रगड़ता रहता है तो इसका मतलब यह है कि उसकी आंखें कमजोर हो रही हैं। हालांकि, समय रहते कुछ सावधानियां बरत कर आप अपने बच्चों की आंखें तेज कर सकते हैं।
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आँखों की रोशनी कम होने के लक्षण | Symptoms of Weak Eye Sight in Hindi
हमारे रहन-सहन और खान-पान का सीधा असर आंखों पर पड़ता है। बदलती दिनचर्या में मोबाइल फोन और लैपटॉप जैसे गैजेट्स का ज्यादा इस्तेमाल करने की वजह से आंखों की रोशनी कम होने लगी है। इतना ही नहीं, इसकी वजह से रूखी आंखों की समस्या से भी गुजरना पड़ता है। आंखों की रोशनी कम होने के लक्षण निम्न है-
- आँखों में दर्द होना।
- आँखों से पानी निकलना।
- पढ़ते समय धुंधला दिखाई देना।
- दूर की वस्तुएँ देखने में असमर्थता।
- पलकों को जल्दी जल्दी झपकाना।
- आँखों में सूजन या लालिमा होना।
- कम रोशनी तथा रात में धुंधला दिखाई देना।
- पढ़ते समय बार-बार सिर दर्द की शिकायत रहना।
- ज्यादा तेज रोशनी में रंग-बिरंगे रोशनी दिखाई देना।
- अंधेरे से एकदम रोशनी में देखने पर परेशानी होना।
डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए- यदि किसी की दृष्टि कमजोर होने के साथ ही चश्मे का नम्बर तेजी से बढ़ रहा हो तो व्यक्ति को तुरन्त ही विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए।
नियमित चेकअप करवाए– जब तक देखने में समस्या नहीं होने लगे तब तक लोग आंख की जांच कराने नहीं जाते। लेकिन यह गलत है हमे नियमित अंतराल पर आंख की जांच करवाते रहना चाहिए। अगर आप चश्मा पहनते है तो प्रत्येक 6 महीने में आंखों के रोशनी की जांच करवाएं।
आँखों की रोशनी कम क्यों होती है? | Causes of Weak Eye Sight in Hindi
उम्र बढ़ने के साथ हमारी आँखों में क्षयकारी (Degenerative) बदलाव आने शुरू हो जाते हैं जिसके कारण धीरे-धीरे दृष्टि भी कमजोर होने लगती है। लेकिन अनुचित जीवन शैली एवं भोजन में पोषक तत्वों की कमी होने से समय से पूर्व भी आंख की रोशनी कमी होने लगती है।।
आंखो को स्वास्थ्य बनाये रखने में विटामिन-सी, विटामिन-ए और विटामिन-ई, जिंक, ल्यूटिन, जियाजैक्थीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड अहम भूमिका निभाते है। यदि लम्बे समय तक आहार में इनकी कमी पाई जाती है तो कमजोर दृष्टि के अलावा आँखों से संबंधित अन्य बीमारी होने की भी आशंका बनी रहती है।
शोध द्वारा यह साबित हो चुका है कि कम दायरे में देखने की वजह से भी आंखों की रोशनी कम होती है। कहने का मतलब यह है कि जब आप एक बिंदु पर अधिक देर तक ध्यान केंद्रित रखते हैं और किसी अन्य वस्तु को नहीं देखते, तो भी आपकी आंखों की रोशनी कम होती है। (शोध: इन्वेस्टिगेटिव ऑफ्थैल्मोलॉजी एंड विजुअल साइंस 2007)
आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए? | How to Improve Eye Sight in Hindi
आँखों को स्वास्थ्य बनाये रखने, रौशनी बढ़ाने अथवा चश्मा उतारने के लिए हमे निम्न 3 सूत्रों (दिनचर्या, व्यायाम, पौषक तत्व) का पालन करना होता है। इसके अलावा एक अन्य उपाय औषधि है, लेकिन भगवान न करे आपको उसकी जरूरत पड़े।
- स्वास्थ्य दिनचर्या / लाइफ स्टाइल
- नेत्र के लिए व्यायाम
- जरुरी पौषक तत्व
- औषधि
दिनचर्या से बनाये आंखे स्वस्थ | Healthy Habits that Protect your Eye Health
आंखों से जुड़ी समस्या का कारण खान-पान के साथ आपके द्वारा की गयी लापरवाही होती है। थोड़ी सावधानी बरत कर आप अपनी आंखों को स्वस्थ रखने के साथ उसकी रोशनी भी बढ़ा सकते हैं।
आंखों को धोए- आँखों को दिन में कम से कम दो बार स्वच्छ एवं शीतल पानी से धोएं। जब भी बाहर से आएं, तो अपनी आंखों को धोना न भूले। इससे आंखों में डीहाइड्रेशन नहीं होगा और आपकी आंखें स्वस्थ रहेंगी।
रोशनी का ध्यान रखें– पढ़ते समय रोशनी का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बहुत हल्की रोशनी में पढ़ने या लिखने से आँखों पर जोर पड़ता है।
धूप, धूल प्रदूषण से बचें- आंखे हमारे शरीर का सबसे नाजुक अंग है। हमे अपनी आंखों को धूल; प्रदूषण एवं तेज धूप से बचाकर रखना चाहिए। तेज धूप में घर से बहार निकलते समय आँखों पर अच्छी गुणवत्ता वाले चश्मों का प्रयोग करना करें, क्योंकि सूर्य की पराबैंगनी किरणें (UV rays) आँखों को नुकसान पहुंचाती है।
सीमित कॉस्मेटिक प्रोडक्ट- महिलाएं आंखों को सुंदर दिखाने के लिए तरह-तरह के कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स का सहारा लेते हैं. ज्यादा कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स आपके चेहरे और आंखों पर बुरा असर डाल सकते हैं। सिर्फ अच्छे ब्रांड और के ही
आंखों के लिए सही माहौल बनायें- हमारे आसपास मौजूद बहुत सी चीजें हमारी आंख के लिए नुकसानदेह हो सकती हैं जैसे कंप्यूटर के सामने लंबी अवधि तक बैठना, स्विमिंग पूल का पानी आंख में जाना, पढ़ाई के वक्त कम रोशनी आदि।
पर्याप्त नींद है जरूरी- जिस तरह आपके शरीर को नियमित रूप से आराम की जरूरत होती है, उसी तरह आंख को भी आराम चाहिए। आंखों को आराम देने के लिए 7-8 घन्टे की प्रयाप्त नींद लेना चाहिए। इससे आपकी आंख भी नए सिरे से काम करने के लिए तैयार हो जाती है।
आंखों को दे ब्रेक- लंबे कामकाजी अवधि के बीच में थोड़ा सा ब्रेक भी आपकी आंख के लिए जरूरी है। अगर आप हर वक्त कंप्यूटर के सामने बैठे रहते है तो बीच-बीच में अपनी आंख बंद कर लेने से आपको काफी राहत मिलेगी। आप हर 20-30 मिनट में पांच सेकेंड के लिए एक बार ऐसा कर सकते हैं।
शरीर से भी है आंखों का रिश्ता- अगर आप रोजाना कम से कम 20 मिनट फुल बॉडी एक्सरसाइज करते हैं तो इससे आपके शरीर में खून का बहाव तेज होता है। इससे आँख की मांसपेशियों में मौजूद/जमा हानिकारक तत्व बाहर निकलते हैं।
स्मोकिंग को कहें ना- धूम्रपान की वजह से आपकी आँख पर भी गलत असर पड़ता है। दरअसल, सिगरेट से निकलने वाले धुएं में मौजूद रसायनों से कंजक्टिवा के ग्लोबलेट सेल्स क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। तंबाकू में पाया जाने वाला निकोटिन, रेटिना और ऑप्टिक नर्व के सेल्स पर काफी बुरा असर डालता है। इससे आंखों की रौशनी भी जा सकती है।
शोध में पाया गया है कि बीड़ी-सिगरेट पीने वालों में मेक्यूलर डीजनरेशन का खतरा दो गुना ज्यादा बढ़ जाता है। इसके अलावा शरीर में ऐसे बहुत से एंटी ऑक्सिडेंट होते हैं जो आंख के लिए फायदेमंद हैं धूम्रपान से इन पर भी असर पड़ता है।
आंखों की रोशनी बढ़ाने के घरेलू उपाय | Home Remedies for Remove Eye Glasses Hindi
आपके खान-पान का आपकी आंखों की सेहत पर गहरा असर पड़ता है। अगर आप चाहते हैं कि आपकी आंखों की रोशनी ठीक रहे, तो अपने आहार में आंवला, बादाम, दूध, गाजर, हरी पत्तेदार सब्जियों, अलसी और सूखे मेवों को शामिल करें। इसके अलावा नियमित तौर पर हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना भी लाभदायक होता है।
आंवले बढ़ाएगा आंखों की रोशनी- नियमित तौर पर 1 आंवले का इस्तेमाल करने से आंखों की रोशनी दुरुस्त रहती है। आवले को साबुत, चूर्ण अथवा च्यवनप्राश के रूप में लिया जा सकता है
बादाम का सेवन करें- बादाम के दूध का इस्तेमाल करने से आंखों की सेहत दुरुस्त रहती है। बादाम में विटामिन ई होता है, जो आंखों को किसी भी प्रकार की बीमारी से लड़ने में मदद करता है।
गाजर का जूस- गाजर आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। अगर आप प्रतिदिन एक गिलास गाजर का जूस पीते हैं, तो आपकी आंखों पर चढ़ा चश्मा भी उतर सकता है। आप गाजर को सलाद के रूप में भी खा सकते है।
बादाम-किशमिश-अंजीर – रात को 5-6 बादाम, 15 किशमिश और 2 अंजीर पानी में भिगो दें। सुबह उठकर खाली पेट इन्हें खाएँ। इनमें अच्छी मात्रा में फाइबर और विटामिन्स होते हैं जो आँखों को स्वस्थ रखते हैं।
बादाम-सौंफ का मिश्रण– बादाम, सौंफ और मिश्री को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। इस मिश्रण का 10 ग्राम हिस्सा, 250 मि.ली. दूध के साथ रात में सोने से पहले लें। 40 दिन तक लगातार इसका सेवन करें और इसे लेने के दो घंटे बाद तक पानी न पिएँ। इससे धीरे-धीरे आँखों की रोशनी बढ़ती है।
हरी पत्तेदार सब्जियां– हरी पत्तेदार सब्जियों में कैरोटीनोइड सबसे अधिक पाए जाते हैं। कैरोटीनोइड के एंटी ऑक्सीडेटिव गुण आंखों को फ्री रेडिकल्स से दूर रख सकते हैं। इनमें कैल्शियम, विटामिन सी और विटामिन बी-12 भी होता है।
दालें, सूखे मेवे औऱ अलसी – दालों में प्रचुर मात्रा में बायोफल्वेनोइड और जिंक होता है जो कि रेटिना को डैमेज से बचाता है। बच्चों की आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए काली दाल और राजमा खिलाएं। दालों के अलावा ड्राई फ्रूट्स जैसे कि पिस्ता, काजू, बादाम, अखरोट और मूंगफली भी आंखों को तेज करते हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड्स आँखों के लिए बेहद जरूरी होता है। जो अलसी में भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
सिट्रस और पीले फलों का सेवन-नींबू, टमाटर, अमरूद और संतरा सिट्रस फलों में शामिल है। इन फलों में प्रचुरता में विटामिन सी पाया जाता है और ये आंखों को सूर्य की रोशनी से होने वाले नुकसान से भी बचाते हैं।
त्रिफला- एक चम्मच त्रिफला पाउडर को पानी में डाल कर रात भर के लिए छोड़ दें। अगली सुबह इस पानी को छानकर इससे आँखो को धोएँ। एक महीने में ही दृष्टि में सुधार आने लगता है।
आंखों की रोशनी बढाने वाले व्यायाम | Exercise for eyesight improvement in Hindi
नियमित तौर पर आंखों का व्यायाम करके भी आप अपनी आंखों की रोशनी को बेहतर कर सकते हैं। अगर आप एक महीने तक इन व्यायाम को करते हैं तो आपको इसके बेहतरीन नतीजे देखने को मिल सकते हैं-
हथेली की सिकाई- सुबह उठने पर अपनी हथेलियों को आपस में रगड़े। जब हथेलियाँ गर्म हो जाए तो उन्हें अपनी आँखों में रखकर सिकाई करने से लाभ मिलता है। ऐसा 4–5 बार करना बेहतर होता है।
हरे घास में नंगे पैर चलना- प्रातःकाल हरी घास पर नंगे पैर चलना आंखों के लिए फायदेमंद होता है। खास तौर से जब घास पर ओस जमी हो।
आंखों की पुतली को घुमाना- अपनी आंख की पुतलियों को दाएं-बाएं और ऊपर-नीचे करने के साथ ही चारों ओर घुमाएं, इससे आंखों का व्यायाम होता है।
सरसों के तेल की मालिश- रात को पैरों के तलवे पर सरसों के तेल की मालिश करके सोएँ और सुबह नंगे पैर नियमित रूप से हरी घास पर चलें। ऐसा करने से आँखों की रौशनी में बेहद फायदा होता है।
आँखों की रोशनी बढाने के लिए होम्योपैथी दवाई | Homeopathy for Improve / Eyesight Problems
Cineraria maritima eye drops may be considered in the treatment of: chronic conjunctivitis; conjunctival irritation; cataracts, corneal opacity due to metabolic disorders caused by age, diabetes, or gouty conditions; blepharitis; overstrained eyes; inflammatory eye disease (Dr. Shivangi Mishra)
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नोट-नेत्र रोगों को कभी हल्के में न लें अगर आपको अपनी आंखों में किसी भी किस्म की परेशानी महसूस होती है। तो तुरंत नेत्र रोग विशेषज्ञ से अपनी आंखों की जांच कराएं।