Hormones Balance Tips: मुश्किल नही है हार्मोन्स को संतुलित करना

Balance Hormones : शरीर में लगभग 600 हार्मोंस होते हैं जिन्हें बैलेंस करना बहुत जरूरी है। इनमें असंतुलन हो जाने पर कई प्रकार की गंभीर रोगों का खतरा बढ़ जाता है।

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हमारे शरीर में हार्मोन एक अहम स्‍थान रखता है यह शरीर के काम-काज को नियंत्रित करता है। अगर शरीर में हार्मोन असंतुलन हो जाए तो शरीर के काम में गड़बड़ी पैदा हो जाती है।


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हार्मोन असंतुलित कब होता है?

सामान्यतः गर्भावस्था, पीरियड और मेनोपॉज के दौरान हार्मोन का यह संतुलन ज्यादा बिगड़ता है। लेकिन अब तो व्यस्त दिनचर्या और तनावभरी जीवनशैली के चलते यह समस्या कम उम्र में ही महिलाओं में खूब देखी जाती है।

आमतौर पर हार्मोनल परिवर्तन यौवन, मासिक धर्म, गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति के दौरान ही देखा जाता है। मगर आज के युग में उम्र, खराब डाइट, तनाव, नींद की कमी, बर्थ कंट्रोल पिल्‍स और कीटनाषक जैसे विषाक्‍त पदार्थ भी हार्मोनल असंतुलन पैदा करते हैं।

हार्मोन असंतुलन के लक्षण- हमारे हार्मोन्स अगर संतुलित न हों तो इसका हमें अहसास होने लगता है। यूँ तो हार्मोन के असंतुलन अनुसार विभिन्न लक्षण उत्तपन्न होते है।

सामान्य लक्षण में मूड बदलाव, चिड़चिड़ापन, घबराहट, अनिद्रा, थकान, वजन समस्‍या, अतिरिक्त बाल या बालों का झड़ना, सिरदर्द, कम सेक्स की इच्‍छा, तेलिय या शुष्क त्वचा, मुँहासे प्रमुख है।


हार्मोन संतुलित कैसे करें? (Home Remedies for Hormonal Imbalance)

कई महिलाएं सारी उम्र हार्मोनल असंतुलन से परेशान रहती हैं। हार्मोन के इस असंतुलन को सामान्य करना कोई मुश्किल बात नहीं है। आप कुछ प्राकृतिक तरीकों द्वारा अपने हार्मोन्स को संतुलित रख सकती हैं।

प्रयाप्त मात्रा में धूप लें

सूरज की रोशनी से हमे विटामिन-D प्राप्त होता है। विटामिन डी पिट्यूटरी ग्रंथि को प्रभावित करता है जहां पर हार्मोन की एक श्रृंखला का उत्पादन होता है। यदि आपके शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है तो शरीर में पैराथायरॉयड हार्मोन का असामान्य स्‍त्राव होने लगेगा।

तनाव से दूर रहें

तनाव से शरीर में कॉर्टिसोल हार्मोन (स्ट्रेस हार्मोन) ज्यादा बनता है। एड्रेनल ग्रंथि से सक्रिय होने वाला स्ट्रेस हार्मोन ही वास्तव में रक्तचाप को नियमित करता है। इसकी अधिक सक्रियता से प्रतिरोधक क्षमता पर भी नकारात्मक असर पड़ने लगता है। 

पूरी नींद लें

जब हम सो रहे होते हैं तो दिमाग शरीर को डिटॉक्सिफाई करता है। इसलिए रोजाना कम से कम आठ घंटे की नींद जरूर लें। इससे शरीर में कोर्टिसोल, मेलाटोनिन, सोमाट्रोपिन हॉर्मोन संतुलित रहते हैं।

​​टमाटर

टमाटर में ऐसे कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो बॉडी में हार्मोंस को संतुलित बनाए रखने के लिए काफी अहम भूमिका निभाते है। आप इसे सूप, सलाद या फिर सब्जी बनाने के दौरान खाने में इस्तेमाल कर सकते हैं।

अलसी के बीज

अलसी के बीज फाइबर और ओमेगा-3 व फैटी एसिड पर्याप्त मात्रा में पाये जाते है। ये ब्लड शुगर और दिल के स्वास्थ्य को सामान्य बनाए रखने में मदद करते हैं।

जो महिलाएं अपने आहार में अलसी के बीज का सेवन करती हैं, उनके प्रोजेस्टेरॉन और एस्ट्रोजन स्तर में सुधार आता है। जो मासिक धर्म और रजोनिवृत्ति के लक्षणो से राहत दिलाने में मदद करता है। इसलिए प्रतिदिन इनका सेवन करें।

शराब धूम्रपान न करें

धूम्रपान करने से हार्मोन की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। युनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग के शोधकर्ताओं के अनुसार तंबाकू के सेवन से थायराइड का स्तर बिगड़ जाता है। यह पिट्युटरी हॉर्मोन को स्टिमुलेट करता है और कोर्टिसोल को बढ़ाता है।

धूम्रपान से महिलाओं में एट्रोजन का स्तर कम हो जाता है जिसके कारण हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है और ऑस्टियोपोरोसिस की आशंका बढ़ जाती है। यह साइलेंट डिसीज कईं रीढ़ की हड्डियों और कुल्हों के फै्रक्चर के लिये उत्तरदायी है।

हर्ब्स का सेवन करें

अश्वगंधाअश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट होता है जो हार्मोन की सही मात्रा का उत्पादन करके थायरॉयड को प्रभावित करता है। ये इम्यून सिस्टम में सुधार करके शरीर को तनाव से लड़ने में मदद करता है और इसमें एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण भी होता है।

तुलसी तुलसी रक्त में ग्लूकोज के लेवल को संतुलित करके कोर्टिसोल को संतुलित करती है

अदरक- अदरक में पोटेशियम, जिन्क और मैग्निशियम होता है जो थायरॉयड के कारण होने वाले दर्द, सूजन और बुखार को कम करने में मदद करता है। 


हार्मोन्स के असंतुलन को दूर करेंगे ये आसन

Yoga for Hormonal Imbalance– व्यायाम एक प्राकृतिक दवा है। नियमित रूप से योगा और व्यायाम के फायदों को नकारा नहीं जा सकता।

योगासन अंतःस्रावी तंत्र को बेहतर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करता है। जिससे शरीर के चारों ओर इन हार्मोनों का लगातार उत्पादन और वितरण होता है।

  • नियमित योग से शरीर में कोर्टिसोल की मात्रा कम होती है और तनाव दूर करने में मदद मिलती है।
  • रक्त का सही सर्कुलेशन रहता है, एंडोर्फिन रिलीज़ होते हैं।
  • शरीर का वजन सामान्य बना रहता है और दिल का स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।

ध्यान योग, कपालभाति, अनुलोम विलोम, सूर्य नमस्कार, भुजंगासन, सर्वांग आसान, मालासन, शीर्षासन को अपने नियमित दिनचर्या में शामिल करें।