Heat Stroke: लक्षण, बचाव और उपचार
ग्रीष्मऋतु में तापमान बढ़ने के साथ हीट स्ट्रोक होने का खतरा होता है। ऐसे में चिलचिलाती धूप और गर्म हवा में घर से बाहर निकलना सेहत पर भारी पड़ सकता है। आइए जानते हैं हीट स्ट्रोक या लू से कैसे खुद को बचाया जाए।
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किसे होता है हीट स्ट्रोक का अधिक खतरा
वैसे तो हीट स्ट्रोक किसी को भी हो सकता है परन्तु बच्चे, मोटापें से ग्रस्त, वृद्ध, हृदय रोगी, मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति, गुर्दे के रोगी एवं अत्यधिक शारीरिक श्रम करने वाले लोग इसकी चपेट में जल्दी आते हैं।
- तेज धूप में कार्य करना।
- अल्कोहल का सेवन करना।
- गर्मी में अत्यधिक व्यायाम करना।
- तरल पदार्थों का कम सेवन
- गर्मी में अत्यधिक कपड़े पहनना।
कैसे पता करें आपको लू लगा है या नही (Heatstroke Symptoms in Hindi)
हीट स्ट्रोक आमतौर पर तब होता है जब शरीर में पानी और नमक की मात्रा कम हो जाती है और पसीना आना भी बंद हो जाता है। सामान्य लक्षणों में घबराहट, बेचैनी, मतली, दौरे, बेहोशी जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं कभी-कभी इंसान कोमा में भी चला जाता है। बेहोशी को पहला लक्षण माना जा सकता है। यदि आपको यह लक्षण महसूस हो तो समझे लू लगी है:
- चक्कर आना और सर दर्द
- त्वचा में खुश्की, लालिमा एवं गरमाहट
- मांसपेशियों में कमजोरी लगना या ऐंठन का अनुभव
- गर्मी के बावजूद पसीना न आना
- तेज बुखार
- दौरे आना, बेहोशी की हालत
- धड़कन का तेज होना
- श्वास लेने में कठिनाई होना
- घबराहट, बेचैनी, चिड़चिड़ापन
- मतली और उल्टी
लू लगने का प्रारंभिक लक्षण (Heat Stroke)
हीट कैम्प : ग्रीष्म ऋतु में लू लगने की स्थिति में शरीर में पानी की कमी हो जाती है। अत्यधिक पसीना निकल जाने से सोडियम की कमी भी हो जाती है। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पूर्ण विश्राम एवं भरपूर मात्रा में तरल पदार्थ लेना आवश्यक है अन्यथा हीट इंग्जॉस्टेशन का खतरा बढ़ जाता है।
हीट इंग्जॉस्टेशन (Heat Exhaustion)
इस अवस्था मे अत्यधिक गर्मी एवं शरीर में पानी की कमी हो जाती है। रोगी में तेज पसीना, कमजोरी, अधिक प्यास, सिरदर्द, मितली, चक्कर, मांसपेशियों में दर्द व ऐंठन जैसे लक्षण हीट इग्जॉस् कहलाते हैं। इनका समय रहते निदान आवश्यक है, अन्यथा रोगों की हालत गंभीर हो जाती है।
लू लगने पर क्या करें?
यदि इंसान होश है तो ढ़ेर सारा पानी पीलायें या रिहाइड्रेशन पेय दिए जा सकते हैं। यदि बेहोश हो, तो निकटतम डॉक्टर के पास ले जाएं धीरे-धीरे शरीर को बर्फ के पैक से ठंडा करें या ठंडे पानी से स्पंज करें।
- रोगी को ऐसे स्थान पर लिटाना चाहिए जो ठंडा हो परन्तु हवा के झोकेँ न आ रहे हों।
- सूती कपड़े की पट्टी उन्डे पानी में भिगोकर एवं निचोड़कर मस्तक एवं पेट पर रखें तथा गर्म हो जाने पर इन्हें बार-बार बदलते रहें।
- रोगी की गर्दन, पीठ एवं बगल में भी इन ठण्डी पट्टियों का प्रयोग करें।
- रोगी को शीतल पेय पीने को दें।
- नींबू पानी, ग्लूकोज, ORS पिलाए।
हीट स्ट्रोक (लू) से बचाव के उपाय
लू से बचने के लिए ऐसा आहार लेना चाहिए जो कि शरीर में पानी की आपूर्ति करता रहे। गर्मी के मौसम में तले-भुने, गरिष्ठ आहार से बचना चाहिए। सीजन की सब्जियाँ एवं फल (खीरा, ककड़ी, तरबूज, खरबूज) छाछ, दही जैसे खाद्यों का सेवन हितकर है।
आम का पना: कच्चे आम को पानी में उबालकर इसे थोड़े पानी में मसल लें। इसमें चीनी, नमक एवं भुना हुआ जीरा मिलाकर पीयें। यह शरीर को शीतलता देगा एवं लू से बचाएगा।
धनिया पानी: एक गिलास पानी में दो चम्मच धनिया भिगो दें। 30 मिनट बाद धनिया को अच्छे से पानी में मसलकर छान लें। इस पानी का सेवन करें।
बेल: बेल गर्मी के रोगों में रामबाण औषधि का करता है। बेल का रस न सिर्फ गर्मी की समस्या से राहत देता है बल्कि यह पाचन संस्थान को भी स्वस्थ करता है ।
प्याज: लू से बचने के लिए प्याज में चीनी एवं जीरा मिलाकर भून लें। नियमित रूप से इसे थोड़ा-थोड़ा खाएं ।
एक्यूप्रेशर पैड: पैरों के तलवों में 36 एनर्जी पॉइंट्स होते हैं जो सिर और शरीर के महत्त्वपूर्ण अंगों से जुड़े होते हैं। जब इन बिंदुओं पर दबाव पड़ता है तो ये एक्टिव हो जाते हैं और शरीर से बाहर निकल रही ऊर्जा को रोक देते हैं। इससे तत्काल थकान दूर होती है। इसको दिन में तीन बार 3-5 मिनट तक कर सकते हैं।
- हीट स्ट्रोक से बचने के लिए गर्मी में हल्के रंग के ढीले एवं सूती वस्त्र का प्रयोग करें।
- जूस और पानी मिलाकर कम से कम 8 ग्लास तरल पदार्थ प्रतिदिन लें।
- एक्सरसाइज करने से पहले और बाद पानी जरूर पीयें।
- हल्का व तरल पौष्टिक भोजन खाएं।
- खाने में ककड़ी, तरबूज, नारियल, बेल को शामिल करें।
- शराब, मीठे पेय और बहुत अधिक कैफीन लेने से बचें, ये डिहाइड्रेशन का कारण बनते हैं।
- घर में भी कमरे के तापमान को कम रखें और घरों में हवा आती-जाती रहे, इसका ख्याल रखें.
- जब मौसम अधिक गर्म हो तब यथासंम्भव बाहर न निकलें।
- धूप में जाते वक्त छाता या टोपी, चश्मे का उपयोग करें।
- जब भी बाहर निकलें पानी अवश्य साथ रखें।।