गुड़हल (Hibiscus)
गुड़हल या जवाकुसुम वृक्षों के मालवेसी परिवार से संबंधित एक फूलों वाला पौधा है। इसका वनस्पतिक नाम है- हीबीस्कूस् रोज़ा साइनेन्सिस। इस परिवार के अन्य सदस्यों में कोको, कपास, भिंडी और गोरक्षी आदि प्रमुख हैं। यह विश्व के समशीतोष्ण, उष्णकटिबंधीय और अर्द्ध उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है। गुडहल जाति के वृक्षों की लगभग 200-220 प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से कुछ वार्षिक तथा कुछ बहुवार्षिक होती हैं। साथ ही कुछ झाड़ियाँ और छोटे वृक्ष भी इसी प्रजाति का हिस्सा हैं। गुड़हल की दो विभिन्न प्रजातियाँ मलेशिया तथा दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय पुष्प के रूप में स्वीकार की गई हैं।

गुड़हल का विभिन्न भाषाओं में नाम (Hibiscus Name in different Language)
वैज्ञानिक नाम | Hibiscus |
अंग्रेज़ी | शू फ्लावर (Shoe Flower), रोज मैलो (Rose mallow), रोज आफ चाइना (Rose of china), गार्डन हिबिस्कस (Garden hibiscus), चाइना रोज (China rose) |
हिंदी | गुडहल, गूढल जसूत, जसून, |
संस्कृत | औड्रफूल, जपा, अरुण, प्रतिका, अर्कप्रिया, हरिवल्लभ, त्रिसन्ध्या |
बंगाली | ओरु (Oru), जुबा (Joba) |
गुजराती | जासुद (Jasud), जासूवा (Jasuva) |
मराठी | जास्वन्द (Jasavanda), जासवन्दी (Jassvandi) |
कन्नड़ | दासणिगे (Dasnigae), दसवला (Dasavala) |
मलयालम | चेम्पारट्टी (Chemparatti), शेम्पारट्टी (Shemparatti) |
नेपाली | जपा कुसुम (Japa kusum), गुड़हल (Gudahal) |
ओडिया | मोनदरो (Mondaro), ओडोफूलो (Odophulo) |
तेलगू | दासनी (Dasani), दासनमु (Dasanamu) |
तमिल | सेम्बारुट्टी (Sembarattai), सेवारट्टी (Sevarattai) |
गुड़हल के विभिन्न रोगों में प्रयोग (Use of Gudhal in various diseases in Hindi)
मूत्र रोगों, अनिद्रा और मानसिक रोग: फूलों की पंखुड़ियों के 1 भाग को 6 भाग पानी में मिलाकर धीमी आंच पर एक चौथाई रहने तक पकाएं। उसके बाद इसमें गुड़ मिलाकर उसका सिरप बनाया जाता है। मूत्र रोगों, अनिद्रा और मानसिक व्याधियों के लिए इस सिरप की 10 ग्राम मात्रा दी जाती है।
बाल झाड़ना: पंखुड़ियों के रस में नारियल का तेल मिलाकर धीमी आंच पर जलीय अंश समाप्त होने तक पकाएं। यह तेल पूरे शरीर को ठंडा रखता है और झड़ते बालों का बहुत ही प्रभावी इलाज है।
खांसी बुखार: गुड़हल की चाय (1 – 2 फूलों को 50 मि०ली० पानी में 5-10 मिनट तक उबालें) प्रतिदिन दो बार पीने से यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर, यकृत को स्वस्थ रखने, खांसी को शांत करने और बुखार को कम करने में सहायक है।