Dengue Fever: डेंगू बुखार के लक्षण, कारण और उपचार

डेंगू, एडीस इजिप्ती (Aedes egypti) नामक प्रजाति के मच्छरों से फैलता है। इस बीमारी से भारत मे प्रतिवर्ष लाखों लोग ग्रसित होते है।

Dengue Mosquito
  • डेंग एडीस इजिप्ती (Aedes egypti) नामक प्रजाति के मच्छरों से फैलता है।
  • दस साल से कम उम्र के बच्चों में डेंगू रोग की संभावना सबसे अधिक रहती है।
  • डेंगू बुखार के कारण बच्चों में मृत्यु दर 6 से 30 प्रतिशत तक होता है।

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डेंगू क्या है (What is Dengue?)

डेंगू, एडीस इजिप्ती (Aedes egypti) नामक प्रजाति के मच्छरों द्वारा फैलता है। सन् 1779 में डेंगू बुखार का पहली बार पता लगाया गया था। डेंगू में बहुत तेज बुखार होता है। इसे हड्डीतोड़ बुखार (Breakbone fever) भी कहा जाता है क्योंकि इसमे रोगी हड्डी टूटने जैसा दर्द होता है।

डेंगू वायरस एक समूह से संबंधित है जिसे फ्लैवीवायरस कहा जाता है और इन्हें आमतौर पर चार वायरल श्रेणियो में बंटा गया है-

  1. DENV-1
  2. DENV-2
  3. DENV-3
  4. DENV-4

डेंगू का बुखार इन चार प्रकार के वायरस में से किसी वायरस के कारण हो सकता है। यदि किसी व्यक्ति को एक बार डेंगू हो जाए तो ठीक होने के बाद शरीर में उस वायरस के लिए एक विशेष एन्टीबॉडी बन जाती है। जिस कारण वह उस वायरस से दुबारा संक्रमित नही होता। हालांकि वह अन्य तीन प्रकार के डेंगू वायरस से संक्रमित हो सकता है।


डेंगू बुखार कैसे होता है? (Dengue Fever Causes in Hindi)

डेंगू वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सीधे नहीं फैलता, यह संक्रामक नहीं है। इस वायरस को फैलने के लिए एडीज़ मच्छर की जरूरत पड़ती है।

एडीस (aedes) प्रजाति के मच्छरों से डेंगू संचारित होता है। एडीस एजिप्टी (Aedes aegypti) प्रजाति के मच्छर डेंगू संचरण का प्रमुख कारण है। मच्छर की यह प्रजातियां स्थिर जल में पनपती हैं। आमतौर पर दिन के दौरान काटती हैं।

एक व्यक्ति के संक्रमित होने के बाद वायरस 2-7 दिनों के लिए रक्त में फैलता है और उस दौरान अगर इस व्यक्ति को मच्छर काटता है। तो वायरस मच्छर के शरीर में प्रवेश कर जाता है। और दूसरे लोगों को काटकर उसे भी संक्रमित कर देता है।


डेंगू के लक्षण (Dengue Symptoms In Hindi)

डेंगू वायरस से संक्रमित होने के 3 से 14 दिनों के बाद ही किसी व्यक्ति में लक्षण दिखते हैं। ज्यादातर 4 या 7 दिनों के बाद लक्षण दिखना शुरू हो जाते है। डेंगू बुखार से पीड़ित व्यक्ति के प्रमुख लक्षण निम्न है-

  • तेज़ बुखार
  • सिरदर्द
  • जोड़ों में दर्द या मांसपेशियों में दर्द
  • आँखों का लाल होना और दर्द होना।
  • मतली और उल्टी आना
  • हृदयगति का कम होना।
  • प्लेटलेट्स का कम हो जाना।
  • शरीर मे चकत्ते पड़ना।
  • सांस लेनी की दर तेज होना
  • थकान / बेचैनी

यह डेंगू के कुछ लक्षण हैं जिनका यदि समय रहते इलाज न किया जाए तो रोगी की मृत्यु भी हो सकती हैं।


डेंगू बुखार का परीक्षण (Diagnosis of Dengue Fever in Hindi)

डेंगू की जांच- डेंगू बुखार के लक्षण शुरू में हल्के हो सकते हैं और इसलिए इन्हे कई बार ग़लतफहमी में सर्दी या वायरल के लक्षण समझ लिया जाता है। इसलिए खून में एंटीबोडीज और वायरस की उपस्थिति का पता लगाने के लिए खून की जांच की जाती है।


डेंगू बुखार का घरेलू उपचार (Home Remedies for Dengue in Hindi)

डेंगू जितना जल्दी पकड़ में आये उतना जल्दी उपचार आसान हो जाता है और रोग जल्दी खत्म होता है। आप इन उपायों द्वारा डेंगू का घरेलू उपचार कर सकते हैंः-

लाल फल और सब्जियाँ : टमाटर, तरबूज, चेरी आदि फल और सब्जियों में विटामिन और मिनरल्स के साथ-साथ एंटी ऑक्सिडेंट्स अच्छी मात्रा में होते हैं।

गाजर और चुकंदर- चुकंदर के रस में एंटीओक्सीडेंट्स (Antioxidants) होते हैं जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। दो से तीन चम्मच चुकंदर के रस को एक ग्लास गाजर के रस में मिलाकर पीने से प्लेटलेट्स (Platelets) तेजी से बढ़ते हैं।

संतरे का सेवन करें- संतरे के रस में मौजूद विटामिन सी, डेंगू बुखार के लक्षणों के इलाज और वायरस को नष्ट करने के में मद्दत करता है।

नारियल पानी– नारियल पानी में मौजूद जरूरी पोषक तत्व जैसे मिनरल्स और इलेक्ट्रोलाइट्स (electrolytes) का भी अच्छा स्रोत है जो शरीर को मजबूत बनाते हैं।

पपीते के पत्ते का रस- पपीते के पत्ते डेंगू बुखार में बहुत लाभदायक होते हैं। पपीते के पत्ते का एक चमच्च रस 2-3 बार देने से प्लेटलेट (Platelets) की संख्या में तेज़ी से वृद्धि करता है। आप चाहें तो पपीते की पत्तियों को चाय की तरह पानी में उबालकर भी पी सकते हैं।

गिलोयगिलोय प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाए रखने और शरीर की संक्रमण के विरुद्ध रक्षा में मदद करते हैं। गिलोय के तने को उबाल कर इसका काढ़ा बना कर पिएँ। यदि गिलोय की बेल ना मिले तो “गिलोय घनवटी” की एक एक गोली रोगी को दिन में 2-3 बार दें।

तुलसी का प्रयोग– तुलसी के पत्ते डेंगू बुखार में बहुत फायदेमंद साबित होते हैं। यह शरीर से विषाक्त तत्वों को बाहर निकालते हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं।

एलोवेरा– 1-2 चम्मच एलोवेरा का रस पानी में मिलाकर रोज पानी में मिलाकर पिएं।

यदि रोगी को अँग्रेजी दवाइयाँ दी जा रही है तब भी यह चीजें रोगी को बिना किसी डर के दी जा सकती हैं।


डेंगू में क्या करें क्या न करें (Your Diet and Lifestyle in Dengue Fever)

  • रोगी को पर्याप्त आराम करने दें।
  • डेंगू में मरीज का मुहँ और गला सूख जाता है। इसलिए रोगी को पानी, ताजा सूप, जूस और नारियल पानी आदि का सेवन करते रहना चाहिए।
  • जितना सम्भव हो हल्का एवं सुपाच्य भोजन करें।
  • डेंगू के लक्षण आने पर ताजी सब्जियों का जूस पिएँ।
  • दलिया का सेवन करें। इसमें मौजूद उच्च फाइबर और पोषक तत्व रोगों से लड़ने के लिए पर्याप्त शक्ति देते हैं।
  • डेंगू के रोगी को प्रोटीन की बहुत आवश्यकता होती है। इसलिए रोगी को दूध और डेयरी उत्पाद (Dairy product) का सेवन जरूर करना चाहिए।
  • तेलयुक्त और मसालेदार भोजन का सेवन बिल्कुल ना करें।
  • मांसाहार न करें। मांसाहार में कई विषाक्त तत्व होते हैं जो कि व्यक्ति के शरीर को बीमार बनाते हैं।
  • रोगी को एस्परीन या डिस्परीन जैसी दवाई न दें।

डेंगू बुखार का इलाज (Dengue Fever Treatment in Hindi)

डेंगू बुखार कैसे ठीक होता है? डेंगू बुखार एक वायरस के कारण होता है, इसलिए इसका उपचार करने के लिए कोई एंटीबायोटिक्स नहीं है। इसके इलाज के लिए कोई एंटीवायरल दवा भी मौजूद नहीं है।

डेंगू का इलाज करने के लिए उसके लक्षण और संकेतों को ध्यान में रखकर दवा दी जाती है। इस दौरान डॉक्टर मरीज को अधिक से अधिक तरल पदार्थ पीने की सलाह देते हैं, ताकि बुखार अथवा उल्टी से शरीर में होने वाली पानी की कमी को दूर किया जा सके।


डेंगू कितने दिन में ठीक होता है (How long does dengue last in Hindi)

जल्दी पहचान, उचित चिकित्सा औऱ देखभाल होने पर ज्यादातर मरीज लगभग 1-2 सप्ताह में ठीक हो जाते हैं। हालांकि रोगी की गंभीरता के कारण इससे अधिक समय भी लग सकता हैं।

रिकवरी के दौरान कमजोरी और थकान रह सकती है, और पूर्ण रूप से स्वस्थ होने में अक्सर कई सप्ताह लग सकते हैं। 


डेंगू से बचाव (Dengue Prevention in Hindi)

  1. पानी के बर्तनों को हमेशा ढक्कन लगा कर रखें।
  2. कूलर के पानी की नियमित सफाई करें।
  3. वॉश बेसिन, सिंक, नालियाँ जहाँ भी धुलाई-सफाई का काम होता है वे स्थान साफ व सूखा रखे
  4. खराब हो चुकी वस्तुओं जैसे टायर, नारियल के खोल, बोतलें आदि को फेंक दें या नष्ट करे दें ।
  5. घर के आसपास पानी जमा न होने दें।
  6. मच्छर मारने की दवाओं का प्रयोग करें।
  7. पूरे शरीर को ढकने वाले वस्त्र पहनें।
  8. डेंगू संक्रमित मच्छर अधिकांश दिन के वक्त काटता है, इसलिए अच्छा हो कि आप दिन के समय नमी वाली जगहों पर न जाएं।

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