चक्रासन (Wheel Pose)
इस आसन में शरीर की आकृति चक्र जैसी बनती है इसलिए ‘चक्रासन’ कहा जाता है। इसे ऊर्ध्व धनुरासन भी कहते हैं। इसे अंग्रेजी में Upward bow, wheel pose, आदि नामो से जाना जाता हैं।
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Quick Facts About Chakrasana:
नाम: चक्रासन (Wheel Pose)
आकृति: चक्र (गोला)
जटिलता: मध्यम
प्रभावित अंग: मेरुदण्ड, पीठ, बांह, एब्डोमेन, टाँग, चूतड़, कलाई।
खिंचाव: एब्डोमेन, वक्ष, फेफड़ा।
समय: 15 सेकिंड से 2 मिनट
चक्रासन करने की विधि (How to Do Chakrasana in Hindi)
Step 1: भूमि पर बिछे हुए आसन पर चित होकर लेट जायें।
Step 2: अब घुटनों से पैर मोड़ कर ऊपर उठायें। पैर के तलुवे जमीन से लगे रहे। दो पैरों के बीच करीब डेढ़ फीट का अन्तर रखें।
Step 3: दोनों हाथ मस्तक की तरफ उठाकर पीछे की ओर दोनों हथेलियों को जमीन पर जमायें। दोनों हथेलियों के बीच भी करीब डेढ़ फीट का अन्तर रखें।
Step 4 : अब हाथ और पैर के बल से पूरे शरीर को कमर से मोड़कर ऊपर उठायें हाथ को धीरे-धीरे पैर की ओर ले जाकर स्मपूर्ण शरीर का आकार वृत्त या चक्र जैसा बनायें। श्वास की गति स्वाभाविक चलने दें। इस स्थिति को 15 सेकिंड से 2 मिनट तक रखने की कोशिश करें। और पढ़ें: धनुरासन (Bow Pose)
चक्रासन के लाभ (Benefits of Chakrasan in Hindi)
मेरुदण्ड तथा शरीर की समस्त नाड़ियों का शुद्धिकरण होकर यौगिक चक्र जागृत होता हैं। शरीर तेजस्वी और फुर्तीला बनता है।
- लकवा तथा शरीर की कमजोरियाँ दूर होती हैं।
- मस्तक, गर्दन, पीठ, पेट, कमर, हाथ, पैर, घुटने आदि सब अंग मजबूत बनते हैं। सन्धि स्थानों दर्द नहीं होता। पाचनशक्ति बढ़ती है।
- यह थायरॉयड ग्रन्थि तथा पीयूष ग्रन्थिको उत्तेजित करता है।
- पेट की अनावश्यक चरबी दूर होती है, शरीर तंदरुस्त बना रहता हैं।
- चक्रासन के नियमित अभ्यास से वृद्धावस्था में कमर झुकती नहीं। शरीर सीधा तना हुआ रहता है।
विपरीत संकेत (Contraindications)
- आपको सिर दर्द, माइग्रेन या उच्च रक्तचाप है तो इस आसन को न करें।
- यदि आपकी हड्डियां कमजोर हो या कलाइयों में (Tendonitis) हो तो भी इस आसन को न करे।
- मेरुदंड से सम्बन्धित बीमारी जैसे सर्वाइकल स्पोर्टिलाइटिस से ग्रसित हो यो इसके अभ्यास से दूर रहें।
- गर्भावस्था अथवा पेट की सर्जरी होने पर आसान न करें।
टिप्पणी: किसी भी योगासन करने से पहले चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।