Breastfeeding FAQs: ब्रेस्ट फीडिंग से जुड़े सवाल-जवाब

Breastfeeding FAQs: माँ बनना जहां एक सुखद एहसास होता है वहीं पहली बार बच्चे को थामना और उसे दूध पिलाने को लेकर मन में कई तरह के सवाल भी रहते है। इसलिए आजके इस लेख में हम ब्रेस्ट फीडिंग से संबंधित पूछे जाने वाले प्रश्नों के बारे में जानेंगे-

Breastfeeding

स्तनपान से जुड़े सवाल-जवाब | Breastfeeding FAQs

प्रश्न 1- जन्म के तुरंत बाद शिशु को माँ का गढ़ा दूध क्यों पिलाना चाहिए?
उत्तर- डिलिवरी के थोड़ी ही देर बाद मां के स्तनों से पीले रंग के गाढ़े चिपचिपे पदार्थ का स्राव होता है, जिसमें कोलोस्ट्रम नामक ऐसा तत्व होता है, जो शिशु के इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाता है। इसीलिए डिलिवरी के बाद कोशिश यही होनी चाहिए कि शिशु को यथाशीघ्र मां का दूध पिलाया जाए।

प्रश्न 2- कामकाजी महिला शिशु को दूध कैसे पिलाएं?
उत्तर- नवजात शिशु को घर पर छोड़कर जाने वाली स्त्रियां ब्रेस्ट पंप से दूध निकाल कर उसे फ्रिज में 6-7 घंटे तक स्टोर कर सकती हैं। ऐसा दूध शिशु के लिए पूरी तरह सुरक्षित है।

प्रश्न 3- क्या लेट कर शिशु की फीड नही कराना चाहिए।
उत्तर- यह बात आंशिक रूप से सच है। क्योंकि लेट कर फीड कराते समय ज़्यादातर स्त्रियां शिशु के सिर की पोज़िशन का ध्यान नहीं रखतीं, जिससे उसके कान में दूध चला जाता है और इसी वजह उसे इयर इन्फेक्शन हो सकता है। फीड करवाने के बाद शिशु की पीठ थपथपाते हुए डकार दिलाना न भूलें।

प्रश्न 4- शिशु को पहले कुछ हफ्तों में कितनी बार स्तनपान कराना चाहिए?
उत्तरः शिशु की भूख के अनुसार उसे दिन में 8 बार (हर 2 से 3 घंटे के अंतराल पर) स्तनपान कराना चाहिए।

प्रश्न 5- क्या शिशु को अतिरिक्त दूध दिया जा सकता है?
उत्तर- अगर मां के दूध से शिशु का पेट नहीं भर पा रहा तो वह उसे ऊपर से गाय का दूध या किसी अच्छी कंपनी का डिब्बाबंद बेबी फूड दे सकती है।

प्रश्न 6- शिशु को छह माह तक केवल मां का दूध ही देना चाहिए?
उत्तर- यह बात सच है। माँ के दूध में शिशु के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में मौजूद होते हैं। इसलिए शुरुआती छह महीने तक उसे पानी भी देने की ज़रूरत नहीं होती।

प्रश्न 7- शिशु को कब तक दूध पिलाना चाहिए?
उत्तर- विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार शिशु को दो साल तक मां का दूध मिलना चाहिए।

प्रश्न 8- मां के खानपान से शिशु की सेहत प्रभावित होती है?
उत्तर- यह बात पूरी तरह सच है। इसीलिए लैक्टेशन पीरियड के दौरान स्त्रियों को ऐसा पौष्टिक आहार लेने की सलाह दी जाती है, जिसमें कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन, विटमिंस और मिनरल्स पर्याप्त मात्रा में मौजूद हों।

प्रश्न 9- मां का दूध शिशु के ब्रेन के लिए फ़ायदेमंद होता है।
उत्तर-यह बात बिलकुल सच है। मां के में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो दूध शिशु के मानसिक विकास में मददगार होते हैं।

प्रश्न 10- संक्रामक बीमारी में ब्रेस्ट फ्रीडिंग नही करना चाहिए।
उत्तर- अगर आप किसी संक्रामक बीमारी से ग्रसित है। तो स्तनपान के पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य कर लेना चाहिए। अन्यथा शिशु की जान को भी खतरा हो सकता है।

प्रश्न 11- क्या सिजेरियन डिलिवरी के बाद दी जाने वाली दवाओं के साइड इफेक्ट से मां के शरीर में दूध बनने की प्रक्रिया रुक जाती है?
उत्तर- नही। सिजेरियन डिलिवरी का लैक्टेशन से कोई संबंध नहीं है। हां, अगर कोई स्त्री पौष्टिक आहार न ले तो उसके साथ ऐसी दिक्क़त आ सकती है।

प्रश्न 12- क्या डिलिवरी के बाद दूध, जीरा, अजवायन जैसी चीज़ों का सेवन करना चाहिए?
उत्तर- यह बात सच है कि कुछ ख़ास चीज़ों के सेवन से मां के शरीर में दूध बनने की क्षमता बढ़ जाती है। ऐसे खाद्य पदार्थों को ग्लैक्टोगॉग्स कहा जाता है। प्रसव के बाद स्त्रियों के पेट में गैस बनने की समस्या बहुत ज़्यादा होती है और उसी से बचाव के लिए उन्हें अजवायन का पानी पिलाया जाता है।

प्रश्न 14- शिशु को फीड कराने वाली स्त्रियों में ब्रेस्ट कैंसर की आशंका कम होती है?
उत्तर- यह सच है कि शिशु को फीड कराने वाली स्त्रियों में ब्रेस्ट कैंसर की आशंका दूध न पिलाने वाली स्त्रियों की तुलना में कम होती है। ऐसा कई अनुशन्धानों में साबित हो चुका है।

प्रश्न 15- क्या स्तनपान कराने वाली मां स्मोकिंग, एल्कोहल ले सकती है?
उत्तरः कोई भी महिला जो स्तनपान कराती हो, उसे सदैव अल्कोहल, तम्बाकू आदि किसी भी नशीली पदार्थ से दूर रहना चाहिए। इनके हानिकारक तत्व मां के दूध के माध्यम से बच्चे के शरीर में प्रवेश कर उसे बीमार कर सकते हैं।

प्रश्न 17- क्या शिशु को फीड कराने से ब्रेस्ट शेप ख़राब हो जाती है
उत्तर- यह बात पूरी तरह सच नहीं है। सही फिटिंग की ब्रा पहनने और एक्सरसाइज़ की मदद से इसे आसानी से दूर किया जा सकता है।

प्रश्न 16- शिशु को अचानक बेस्ट फीड बन्द नही करना चाहिए।
उत्तर- यह सच है। शिशु को अचानक स्तनपान करना बंद नही करने से भावनात्मक विकास पर बेहद नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। धीरे-धीरे उसे फीड देने की आवृत्ति घटानी चाहिए। डॉक्टर की सलाह पर ब्रेस्ट पर लगाने के लिए किसी ऑइंटमेंट का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जो इसके कड़वे स्वाद की वजह से वह दूध पीना छोड़ देता है।

प्रश्न 13- ब्रेस्ट फीडिंग से गर्भ धारण की आशंका नहीं रहती?
उत्तर- यह बात आंशिक रूप से सच है। सामान्यतः इस दौरान स्त्री की ओवरी में एग्स नहीं बनते। इसलिए अगर कोई मां शिशु को अपना दूध पिला रही है तो उसके कंसीव करने की आशंका काफ़ी हद तक कम हो जाती है पर यह बात सभी स्त्रियों पर समान रूप से लागू नहीं होती। इसलिए लैक्टेशन पीरियड के दौरान भी परिवार नियोजन के साधनों का इस्तेमाल अवश्य करना चाहिए।

@ललिता जांगड़ा

5/5 - (80 votes)