जामुन (Blackberry)
जामुन एक सदाबहार वृक्ष है जिसके फल बैंगनी रंग के होते हैं। यह वृक्ष भारत एवं दक्षिण एशिया के अन्य देशों एवं इण्डोनेशिया आदि में पाया जाता है। इसे विभिन्न घरेलू नामों जैसे जामुन, राजमन, काला जामुन, जमाली, ब्लैकबेरी आदि के नाम से जाना जाता है। प्रकृति में यह अम्लीय और कसैला होता है और स्वाद में मीठा होता है। अम्लीय प्रकृति के कारण सामान्यत: इसे नमक के साथ खाया जता है।
जामुन का विभिन्न भाषाओं में नाम (Blackberry Called in Different Languages)
वैज्ञानिक नाम | Syzygium cumini |
अंग्रेज़ी | ब्लैक प्लम (Black plum), जम्बोलन प्लम (Jambolan plum), Jambul Tree (जम्बुल ट्री) |
हिंदी | बड़ी जामुन, फड़ेना, फलेन्द्र, राजजामुन |
संस्कृत | फलेन्द्रा, राजजम्बू, महाफला, सुरभिपत्रा, महाजम्बू, जम्बू |
बंगाली | जाम (Jam), कालाजाम (Kalajam) |
गुजराती | जाम्बु (Jambu), झम्बूडी (Jhambudi) |
मराठी | जाम्बूल (Jambul), जामन (Jaman), राजाजाम्बूल (Rajajambula) |
कन्नड़ | जम्बुनेराले (Jambunaerale), नराला (Narala) |
मलयालम | नवल (Naval), पेरीनरल (Perinnaral) |
नेपाली | कालो जामुन (Kalo jaamun) |
असम | जमू (Jamu) |
ओडिया | जामो (Jamo), भूतोजामो (Bhotojamo) |
तमिल | नवल (Naval),सम्बल (Sambal) |
तेलगू | नीरेडु (Neredu), जम्बूवू (Jambuvu) |
जामुन के विभिन्न रोगों में प्रयोग (Use of Blackberry in various diseases in Hindi)
मधुमेह: 100 मि.ली. पानी में 10 ग्राम जामुन के बीज को एक चौथाई होने तक उबालें। प्रातःकाल खाली पेट यह काढ़ा पीने से रक्त शर्करा का स्तर घटता है।
फोड़ें: थोड़े से तिल के तेल में मिलाएं हुए जामुन बीज चूर्ण के पेस्ट को फोड़े पर लगाएं।
गला बैठना: 5 ग्राम जामुन बीज चूर्ण पानी के साथ दिन में दो बार 15 दिन से एक माह तक बच्चों को पिलायें। अच्छी आवाज बनाएं रखने और गला बैठने में आराम पाने के लिए जामुन के बीजों को उबालें और उस पानी से बार-बार गरारे करें।
मुहांसे: जामुन बीज चूर्ण को गाय के दूध के साथ मिलाएं और रात को सोने जाने से पहले मुहांसों पर लगाएं। सुबह चेहरे को धो लें और कुछ दिन इसे जारी रखें।
बवासीर: जामुन का फल नियमित – रूप से 2 से 3 महीनो तक खाने से बवासीर रक्तस्राव का उपचार करने में सहायता मिलेगी।
एनिमिया: जामुन हमारे शरीर के अंदर खून की कमी को दूर करते हैं। जिस व्यक्ति के शरीर के अंदर खून की कमी हो उसे जामुन का सेवन करना चाहिए । जामुन के अंदर कैल्शियम, पोटैशियम और आयरन पाये जाते हैं। जो हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढाते हैं।
मसूड़ों: जामुन के पत्ते मसूड़ों के लिए फायदेमंद हैं। यदि मसूंडों के अंदर खून आता है तो जामून की गुंठली पीस कर नमक के साथ मसूडों पर लगाने से फायदा होता है। यदि मसूड़ों के अंदर सूजन आ रही है तो जामुन के पत्तों को उबाल कर कूल्ला करना चाहिए। यदि मूंह के अंदर दूर्गंध आ रही है तो जामून के पत्ते चबाना चाहिए ।
पत्थरी : यदि किसी व्यक्ति को पत्थरी की समस्या है तो जामुन के बीज का पाउडर दही के साथ मिलाकर रोज खाने से पत्थरी की समस्या भी दूर हो जाती है।
आवाज: आवाज को सूरीली बनाने मे भी जामुन मददगार होता है। जामुन का चूर्ण रोज चाटने से आवाज साफ और सूरीली बनती है।