Best Cooking Oils: जानिए, कौन सा कुकिंग ऑयल आपके लिए है सेहतमंद?

Cooking oil

कुकिंग ऑयल किसी भी भारतीय व्यंजन में एक महत्वपूर्ण और बुनियादी घटक है। भारत में खाना पकाने के लिए कई तरह के तेलों का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें मुख्य तौर पर सरसों का तेल, ऑलिव ऑयल, तिल का तेल, कोकोनेट ऑयल प्रमुख हैं। सभी तेलों में अलग-अलग गुण दोष पाए जाते हैं।

आपने अक्सर सुना होगा ‘ज्यादा तेल स्वास्थ के लिए हानिकारक होता है’। हालांकि सही मात्रा में कुकिंग ऑयल का इस्तेमाल करने से दिल से जुड़े संक्रमण, कोलेस्ट्रॉल ब्लॉकेज, अकड़न जैसे मुद्दों से ख़ुदको बचा सकते हैं।


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खाना बनाने के लिए 10 प्रमुख कुकिंग ऑयल (10 Best Cooking Oils in Hindi)

अपने आहार में तेलों की महत्ता को समझते हुए सवाल उठ सकता है कि कौन-सा तेल आपके लिए तेल बेस्ट है?

इसलिए यहां 10 बेस्ट कुकिंग ऑयल के बारे में जानकारी दे रहे है। ये तेल पॉलीअनसेचुरेटेड और मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स से भरपूर हैं, जिन्हें गुड फैट्स माना जाता है।

सरसों का तेल (Mustard Oil)

अधिकांश भारतीय लोग सरसों के तेल का इस्तेमाल करते है इसे कड़वे तेल के नाम से भी जाना जाता है। सरसों का तेल तलने के लिए, स्वाद बढ़ाने के लिए और इसके संरक्षक गुणों के कारण, चटनी और अचार बनाने में इस्तेमाल होता है।

सरसों के तेल को बहुत पोष्टिक माना जाता है।इसमें कम संतृप्त वसा की मात्रा होती है और यह हृदय के लिए अच्छा होता है। यह मानव शरीर को डिटॉक्सीफाई भी करता है और फंगल विकास को रोकता है।

यह डायजेशन और सर्कुलेशन के लिए एक उत्तेजक के रूप में जाना जाता है। अपने जीवाणुरोधी गुणों के कारण यह तेल त्वचा की रक्षा करने में मदद कर सकता है।

सावधानी- सरसों के तेल की तासीर गर्म होती है. इसलिए इस तेल का इस्तेमाल गर्मियों में कम अथवा अपनी प्रकृति के अनुसार करना चाहिए।


नारियल का तेल (Coconut Oil)

यदि आपको दक्षिण भारतीय व्यंजन पसंद हैं, तो आप जानते होंगे कि नारियल तेल का इस्तेमाल स्वाद में क्या अंतर पैदा करता है।

नारियल के तेल में बाकी सभी तेलों के मुकाबले कम फैट होता है। इसलिए इसमें पका खाना आपके वजन को नियंत्रित रखने में मदद करता है। इसके अलावा नारियल तेल में कैप्रिक एसिड, लॉरिक एसिड पाया जाता है। जो इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता हैं।

नियमित रूप से नारियल तेल खाने में इस्तेमाल करने से रक्त में लिपिड के स्तर में सुधार होता है, जिससे हृदय रोग का खतरा कम होता है।


ऑलिव ऑयल (olive oil)

ऑलिव ऑयल जैतून के फलों से बनाया जाता है। पहले इस तेल का प्रयोग विदेशों में होता था, लेकिन हाल के कुछ सालों से ऑइल का चलन भारत मे भी बढ़ता जा रहा है। सलाद को और स्वादिष्ट बनाने के लिए ज्यादातर लोग इसे ऊपर से डालते हैं।

ऑलिव ऑयल में विटामिन A, D, E और K पाया जाता है। इसके अलावा ऑलिव ऑयल में एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो जोड़ों में दर्द को कम करता है और साथ ही पार्किंसंस और अल्जाइमर के खतरे को कम करता है।

दिल से जुड़ी बीमारियों के खतरे को कम करने के साथ साथ त्वचा और बालों के लिए भी काफी लाभकारी है। ये ये शुगर लेबल को कम करने में मदत करता है। कुछ लोग इससे बॉडी मसाज और हेयर मसाज भी करते हैं। ऑलिव ऑयल प्रमुख रूप से कई 4 प्रकार के होते है-

  1. एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल
  2. प्योर ऑलिव ऑयल
  3. ऑलिव ऑयल
  4. ऑलिव पॉमेस ऑयल (औधोगिक क्षेत्र में)

एक्‍स्‍ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल- एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल (EVOO) खाने के लिए सबसे शुद्ध ऑलिव ऑयल माना जाता है। यह तेल ताजे काटे हुए ऑलिव ऑयल से बनाया जाता है। इस तेल को बनाते वक्‍त कृत्रिम जायके और केमिकल का प्रयोग नहीं किया जाता।

इसमें विटामिन और पोषक तत्वों में हाई कंटेंट होता है। इस शुद्ध और स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक ऑलिव ऑयल का इस्‍तेमाल आप सलाद में कर सकते हैं। इसमें एसिडिटी लेवल बाकी ऑलिव ऑयल की तुलना में सबसे कम होता है। इसमें अधिक से अधिक 0.8 प्रतिशत अम्‍लता होती है।

वर्जिन ऑलिव ऑयल– जैसे की नाम से ही पता चल रहा है कि इसमें किसी भी प्रकार के ऑयल का शोधन नहीं होता। इसमें सिर्फ कुछ ही मात्रा में प्राकृतिक आरोमा और जायका बरकरार रहता है। इसमें लगभग 1.4 अम्‍लता सामग्री होती है।

यह एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल की तुलना में कम पोषक है। वर्जिन ऑलिव ऑयल का उपयोग आप धीमी आंच पर कोई भी डिश बनाने में कर सकते हैं।  

ऑलिव ऑयल- इस ऑयल का स्‍टॉक आपको सुपरमार्केट के शैल्‍फ में प्रचुर मात्रा में देखने को मिलता है। आमतौर पर यह मिश्रित ऑयल होता है, इसमें कम गुणवत्‍ता वाले संशोधित ऑयल के साथ वर्जिन ऑलिव ऑयल मिला होता है। इस तरह का ऑयल खाना पकाने के लिए उपयुक्त होता है।

पोमेस ऑलिव ऑयल- पोमेस ऑलिव ऑयल अवशेषों से तैयार, एक बार दबाया हुआ ऑयल है। ये ऑलिव ऑयल का सबसे निचला ग्रेड है। इसका इस्‍तेमाल खाना पकाने की बजाय उत्‍पादों की सफाई के लिए किया जाता है।

पोमेस ऑलिव ऑयल का सबसे निचला ग्रेड है। पोमेस, ऑलिव का वह हिस्सा है, जो तेल और पानी के निकलने के बाद भी बना रहता है। पोमेस ऑयल को स्वादिष्ट बनाने के लिए इसे एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल के साथ मिश्रित किया जाता है। प्योर ऑलिव ऑयल की तरह यह केवल उच्च तापमान पर खाना पकाने के लिए उपयुक्त है।

नकारात्मक पक्ष- जैतून के तेल की अन्य तेलों की तुलना में कीमत ज्यादा होती है।


सूरजमुखी (Sun Flower oil)

सूरजमुखी के बीजों से निकाला गया यह तेल विटामिन ई की प्रचुरता के कारण एक अच्छा विकल्प है। सूरजमुखी का तेल उच्च तापमान पर भी अपने पोषक तत्वों को बनाए रख सकते हैं।

ये तेल कोलैस्ट्रोल लेवल को कम करता है और खाने में स्वाद बढ़ाने का काम भी करता है।

सावधानी- इसमें कैलोरी कंटेंट बहुत ज़्यादा होता है।


मूंगफली का तेल (Peanut oil)

मूंगफली के पौधे में जो बीज होते हैं, उनमें से निकला हुआ तेल मूंगफली का तेल कहा जाता है। मूंगफली के तेल की कई प्रकार की किस्में हैं जैसे रिफाइंड, अन-रिफाइंड, रोस्टेड और कोल्ड प्रेस्ड।

आम तौर पर मूँगफली के तेल का उपयोग भोजन के स्वाद को दिलचस्प बनाते के लिए किया जाता है। लेकिन मूंगफली का तेल स्वास्थ के लिए भी फायदेमंद होता है।

मूंगफली में विटामिन और खनिज प्रचुर मात्रा में होते है। मूंगफली के तेल का सेवन HDL यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल को कम किए बिना हानिकारक कोलेस्ट्रॉल यानी LDL को कम करता है।

मूंगफली के तेल में पाये जाने वाला पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड रुमेटाइड अर्थराइटिस जैसे जोड़ों के दर्द की समस्या से बचाव करता है।


तिल का तेल (Sesame oil)

तिल का तेल, तिल के बीज से निकला है। भारत के अतिरिक्त चायनीज़, कुरीयन और अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में इसका अधिक इस्तेमाल किया जाता है।

तिल के तेल में विटामिन ई, बी कॉम्प्लेक्स, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और प्रोटीन पाया जाता है, जो हड्डियों की मजबूती से लेकर बालों को सुंदर बनाने और तनाव को दूर करने तक फायदेमंद है। यह डायबिटीज और सर्कुलेशन सिस्टम के लिए अच्छा है।

तिल का तेल काफी हद तक बेस्वाद और सुंगध मुक्त होता है, इसलिए इसका इस्तेमाल बेकिंग में किया जा सकता है। तिल के तेल की तासीर गर्म होती हैं, इसलिए ठंड के मौसम में इसका प्रयोग बहुत ज्यादा किया जाता है।


सोयाबीन का तेल (Soybean oil)

सोयाबीन का तेल पौष्टिक एवं सस्ता तेल है। इस तेल में हाई स्मोकिंग पॉइंट होता है, जिससे इसका तलने में इस्तेमाल किया जाता है। इसका इस्तेमाल सलाद ड्रेसिंग, सैंडविच स्टैंड, ब्रेड, मायोनीज, बेकिंग मिक्स और ब्रेकफास्ट बनाने में किया जाता है। बेस्वाद और सुगंध मुक्त होने से इसे बेकिंग के लिए

इसमें विटामिन-के होता है, जो हड्डियों के लिए फायदेमंद है। यह त्वचा को पोषण देता है और इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो रक्त स्तर को बनाये रखने के लिए अच्छा है।

सावधानी- कुकिंग के लिए धीमी आंच का प्रयोग करें। रिसर्च बताते हैं कि तेज़ आंच पर यह ख़ास तरह का टॉक्सिन बनता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।


चावल की भूसी का तेल (Rice Bran Oil)

चावल की भूसी से बना तेल स्वास्थ के लिए काफी लाभकारी माना जाता है। ये देखने मे बिल्कुल मूंगफली के तेल जैसा होता है। इस तेल का प्रयोग जापान और चीन में अधिक किया जाता हैं।

इस तेल में विटामिन ई, एसिड और एंटीऑक्सीडंट पाया जाता है, जो कोलेस्ट्रॉल को संतुलित रखता है। इस तेल का उपयोग खाना बनाने मे किया जाता है.


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